नवीन चौहान
कुंभ—2021 की सुरक्षा व्यवस्था फुल प्रूफ होगी। चप्पे—चप्पे पर पुलिस, सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स, आईटीबीपी के जवान होंगे। इन्हीं के साथ कुंभ में आतंकी या कोई असामाजिक तत्व चोरी छिपे कोई खतरनाक विस्फोटक वस्तु लाने का प्रयास करेगा तो उसके लिए डॉग फुलेरा की टीम रहेगी। यानि कुंभ—2021 का प्रशासन किसी भी तरह से चूक नहीं चाहता।
कुंभ—2021 के शुरू होने के चंद दिन रह गए है। हालांकि जिला प्रशासन कह चुका है कि कुंभ केवल 48 दिन का होगा और फरवरी महीने में नोटिफिकेशन होगा। भारतीय अखाड़ा परिषद इसके लिए स्वीकृति दे चुकी है। पूर्व में हुए कुंभ की बात करे तो हमेशा जनवरी महीने में शुरू हो जाता था। मकर सक्रांति के दिन प्रथम स्नान हो जाता था। इस बार कोविड—19 के चलते हुए कुंभ के शुभारंभ होने में देरी हो रही है। लेकिन मेला प्रशासन प्रत्येक पहलुओं से अपनी पूरी तैयारी में लगा हुआ है। कुंभ—2021 में सुरक्षा व्यवस्था सबसे बड़ा प्वाइंट है। सुरक्षा में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जा रहा है। सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स की 40 कंपनियां मिल गई है। एसएसबी, सीआरपीएफ और आईटीबीपी के जवान श्रद्धालुओं की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। इसी के साथ प्रत्येक व्यक्ति पर निगाह रखने के लिए मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिनकी मॉनिटरिंग सीसीआर से की जाएगी। विश्व प्रसिद्ध आयोजन होने के चलते हुए कुंभ में आतंकी घटना होने की आशंका पर पूरी तरह से सकर्तकता बरती जाने के लिए इंतजाम हैं। संदिग्ध व्यक्ति कोई विस्फोटक सामग्री छिपाकर न ला सके, उसके लिए मेला क्षेत्र में डॉग स्क्वॉड को तैनात किया गया है। मेला क्षेत्र में डॉग फुलेरा को लगाया गया है। डॉग फुलेरा को स्पेशल पुलिस मेला क्षेत्र के सभी कौनों का आभास करारहे हैं।
डॉग स्क्वॉड की खासियत
विस्फोटकों की जांच में अथवा किसी आपराधिक घटना में सुरागकशी के काम में लाए जाने वाले डाग स्क्वाड में शामिल कुत्तों को कड़े प्रशिक्षण की अग्निपरीक्षा से गुजरना होता है। एक कुत्ते को ट्रेंड करने में सरकार का लाखों रुपये खर्च हो जाता है। नौ महीने से लेकर करीब एक साल तक का लंबा और कठोर प्रशिक्षण दिया जाता है। कुत्ते को इस तरह से तराशा जाता है कि वह हर परीक्षा में पास हो जाए। इसके बाद ही वह किसी यूनिट के हवाले किया जाता है।