नवीन चौहान
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय से ज्ञान की भीख मांग रहे एक बच्चे का हाथ पंचायत निदेशक हरीशचंद सेमवाल ने थाम लिया है। हरीशचंद सेमवाल ने बच्चे की निःशुल्क शिक्षा के लिए शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर भेज दिया है। उक्त बच्चा शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय से मिलने के लिए हरकी पैड़ी पहुंचा था। लेकिन शिक्षामंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई। इसी दौरान रोते हुए बच्चे पर पंचायत निदेशक हरीश चन्द्र सेमवाल की नजर पड़ गई। उन्होंने बच्चे को भोजन कराने के साथ ही उसकी बात को ध्यान से सुना। घटना गुरूवार की है।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय पंचायत महाकुंभ में भाग लेने हरकी पैड़ी आये थे। कार्यक्रम के संपन्न होने के बाद पंचायत एवं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय अपने वाहन में बैठने के लिये हरकी पैड़ी पार्किंग में पहुंच गये। इसी दौरान एक बालक रोता हुआ शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के वाहन के समीप पहुंचा। अपने अधिकारियों और समर्थकों में घिरे होने के चलते मंत्री अरविंद पांडेय की नजर बच्चे पर नहीं गई। बच्चा मंत्री की कार के पार जोर-जोर से रोने लगा। इसी दौरान पंचायत निदेशक हरीशचंद सेमवाल की नजर बच्चे पर चली गई। उन्होंने बच्चे से उसका नाम पूछा तथा रोने का कारण पूछा। बच्चे ने पंचायत निदेशक हरीशचंद सेमवाल को बताया कि वह तीसरी कक्षा तक पढ़ा है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उसका स्कूल छूट गया। उसको आगे पढ़ने की इच्छा है। वह बहुत गरीब है। उसके पापा एक भंडारी का काम करते हैं। पापा और मैं भीमगोडा में किराये के घर में रहते हैं। ये सब जानकारी करने के बाद हरीशचंद सेमवाल ने बच्चे को भोजन कराया तथा उसका नाम पता नोट किया। हरीश चन्द्र सेमवाल ने हरिद्वार के डीपीआरओ रमेश चन्द्र त्रिपाठी को बच्चे को जल्द स्कूल में एडमिशन कराने की बात कही। पंचायत निदेशक हरीश चन्द्र सेमवाल ने बताया कि बच्चे की शिक्षा की जिम्मेदारी उन्होंने ले ली है। इस संबध में जब डीपीआरओ रमेश चन्द्र त्रिपाठी से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि इस बच्चे को पढ़ाने की जिम्मेदारी व्यक्तिगत रूप से निभाने का पूरा प्रयास किया जाएगा।