नवीन चौहान, हरिद्वार। बरसात का पानी जहां पहाड़ी क्षेत्रांे में कहर बरपा रहा है वहीं मैदानी इलाकें भी इसके प्रभाव से अछूते नहीं है। बरसात के कारण चारों ओर पानी ने त्राहि-त्राहि मचाई हुई है। नदी और नाले उफान पर है। जिस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग अभी तक अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसी ही बरसात की विभीषि का नजारा हरिद्वार में देखने को मिला। जहां बरसाती नदी में एक टैंकर बह गया और उसमें सवार दो लोग लापता हो गए। शनिवार की सुबह लगभग सवा आठ बजे तेज बारिश के चलते वर्षांे बाद उफान पर आयी उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित कोटवाली नदी में पुलिस व चालक की लापरवाही से एक टैंकर तेज बहाव में बह गया, जिसमें टैंकर का डाइवर, कंडक्टर व अन्य 3 लोग तेज बहाव में बह गये। तीन लोग किसी तरह तेज बहाव से अपनी जान बचाकर नदी से बहार निकल आये। शेष दो लोगो का अभी तक कोई सुराग नही लग पाया है। प्रशासन की ओर से रेस्क्यू जारी है। जनपद बिजनोर के पुलिस प्रशासन ने थाना मंडावली के सबलगढ़ क्षेत्र में रेस्क्यू टीम लगाकर बचाव राहत शुरू कर दिया। वहीं दूसरी ओर हरिद्वार प्रशासन की ओर से तहसीलदार के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम भी कोटावाली नदी पर पहंुच गई। नदी के तेज बहाव के चलते टैंकर गंगा से केवल कुछ किमी की दूरी पर रह गया हैं। नेशनल हाइवे की लापरवाही के चलते कोटावाली नदी पर बने पुल में दरार आने से पुल के नीचे से वैकल्पिक मार्ग का निर्माण तो किया गया लेकिन पुल को ठीक करने की विभाग ने जहमत नहीं उठाई जिससे कई वर्षों पूर्व की घटना की पुनरावृत्ति हुई। और दो लोग नदी के तेज बहाव में बह गए। बता दें कि इस नदी में करीब एक दशक पूर्व हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के भाई की भी तेज बहाव में बहने से मृत्यु हो गई थी। उत्तराखंड बॉर्डर पर तैनात पुलिस यदि तेज बहाव की स्थिति को भांपकर टैंकर को रोक लेती तो इस बड़ी घटना को होने से रोका जा सकता था।