कुंभ में स्नान स्केप चैनल पर होगा या गंगा में, सीएम को लिखा पत्र




नवीन चौहान
हरिद्वार। गंगा सभा के पूर्व महामंत्री रामकुमार मिश्रा ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह को पत्र लिखकर हरकी पैड़ी गंगा के स्केप चैनल के शासनादेश को निरस्त करने की गुहार लगाई है। हालांकि वह पहले भी कई पत्र लिख चुके हैं और गंगा सभा के साथ अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के पदाधिकारी कई बार मुख्यमंत्री से मिलकर आवाज उठा चुके हैं। लेकिन स्केप चैनल के शासनादेश को नहीं बदला जा सका है।
पूर्व महामंत्री रामकुमार मिश्रा ने पत्र के माध्यम से लिखा है कि किन्ही कतिपय कारणों से उक्त अध्यादेश अभी तक निरस्त नहीं हो पाया,चूंकि अब कुछ ही माह के पश्चात कुम्भ मेले के स्नान प्रारंभ होने जा रहे हैं। जिसकी सफलता के लिए आप व्यक्तिगत रुचि लेकर हरिद्वार को विश्व के नक्शे पर तीर्थाटन की एक और अधिक पहचान दिलाने के लिए कृतसंकल्पित हैं।
देश-विदेश से करोड़ो श्रद्धालु स्नान हेतु हरकी पौड़ी आने वाले हैं, स्नानार्थियों में एक भ्रम की स्थिति उत्तपन्न हो गई है कि प्राचीन धर्मग्रंथों में वर्णित हरकी पौड़ी कहां है ? क्या वास्तव में हरकी पौड़ी पर प्रवाहित मां गंगा ही हैं, या यह एक स्केप चेनल का जल है।
महोदय आप कृपया अवगत ही हैं,
उक्त धारा को अविच्छिन बनाये रखने के लिए “भारतरत्न” महामना पंडित मदनमोहन मालवीय के नेतृत्व में 1914 से 1916 तक एक लम्बा आंदोलन चलने के बाद तत्कालीन ब्रिटिश सरकार के साथ हुए अनुबंध में भी इसको अविच्छिन बनाए रखने का अनुबंध हुआ था। यह एक जनभावना के साथ जुड़ा हुआ मुद्दा है, आशा ही नही अपितु पूर्ण विश्वास भी है कि आप देवभूमि उत्तराखंड के प्रवेश द्वार हरकी पौड़ी हरिद्वार की महत्ता की रक्षा के लिए शीघ्र उक्त अध्यादेश को निरस्त करने का कष्ट करेंगे, आपके इस निर्णय के लिए पुरोहित समाज ही नहीं समस्त सनातन धर्मी सदैव आपके ऋणि एवं आभारी रहेंगे।



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