कुंभ में आस्था की डुबकी से पहले स्नानार्थियों की आरटीपीसीआर, नहीं तो हरिद्वार में होगी रैपिड जांच, देखें वीडियो




नवीन चौहान
कुंभ-2021 में मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने से पहले स्नानार्थियों को आरटीपीसीआर जरूरी है। यदि नहीं कराकर लाते है हरिद्वार में ही रैपिड जांच होगी। अगर कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई तो गाइडलाइन के मुताबिक हरिद्वार में भर्ती कर इलाज कराया जाएगा। आरटीपीसीआर के संबंध में व्यापक स्तर पर प्रचार कराने की तैयारी की जा रही है। कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए फ्रंट लाइन वर्कर को वैक्सीनेशन प्राथमिकता से कराई जाएगी।

संक्रमण फैलने से बचाने के लिए व्यापक इंतजाम किए जाएंगे और इसी के तहत 5000 बेड की व्यवस्था की गई है।
कुभ 2021 के आयोजन शुरू होने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। मेला और जिला प्रशासन ने आपसी समन्वय से विकास संबंधी तमाम कार्यो को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हरिद्वार में स्थायी और अस्थायी कार्य पूर्ण होने को है। विकास कार्य युदृधस्तर पर चल रहे हैं। हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर कुंभ-2021 के आयोजन की तैयारियों को लेकर दिन-रात योजनाओं को मूर्तरूप देने में जुटे है। सभी विभागों की लगातार समीक्षा बैठक ले रहे है। जिलाधिकारी सी रविशंकर की सबसे बड़ी चुनौती भी कोरोना संक्रमण काल में कुंभ पर्व में जुटने वाली भीड़ को संक्रमण से सुरक्षित बचाकर रखने की है। कोरोना संक्रमण का वायरस का प्रभाव बना हुआ है। ऐसे में कुंभ पर्व के आयोजन की तैयारियों में जुटे जिलाधिकारी सी रविशंकर से न्यूज127 ने विशेष बातचीत की।
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि कुंभ-2021 का आयोजन होना है। कुंभ आयोजन करीब दो महीने 27 फरवरी से 27 अप्रैल तक प्रस्तावित है। कुंभ मेला में प्रशासन के लिए कोविड एक बड़ी चुनौती है। अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना संक्रमण से बचाना और श्रद्धालुओं के संक्रमण से स्थानीयों को सुरक्षित रखने के लिए एक रणनीति बनाकर प्रबंधन करना बहुत जरूरी है। कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं से अपेक्षा की है कि वे अपना आरटीपीसीआर कराके ही आएं। ताकि यहां आने के बाद संक्रमण फैलने का खतरा न हो। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपेक्षा करने के साथ उम्मीद भी जताई हैं। यदि वे आरटीपीसीआर कराकर नहीं आते हैं तो फिर यहां पर रैंडम जांच कराई जाएंगी। यदि श्रद्धालु कोरोना संक्रमित पाए गए तो कोविड के प्रोटोकोल के तहत इलाज कराया जाएगा।
मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग होगी जरूरी

कुंभ आयोजन में प्रत्येक श्रद्धालु को मास्क लगाकर आना होगा और पूरे समय मास्क लगाकर ही रहना है। इसी के साथ सोशल डिस्टेसिंग का भी पालन अवश्य करना है। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा और मास्क का प्रयोग कराना मेला प्रशासन की प्राथमिकता में शामिल रहेगा। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग करने के लिए प्रचार प्रसार किया जाएगा। जहां पर पालन नहीं होगा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मास्क बड़ी संख्या में वितरण किए जाने की योजना बनाई जा रही है।
फ्रंट लाइन वर्कर को लगेगी कोरोना वैक्सीन
कुंभ मेला में भारी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। जिसमें कोविड नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है। इतने बड़े स्तर पर भीड़ नियंत्रित करने के लिए चुनौती है। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि वैक्सीनेशन 16 जनवरी से शुरू हो गया है। प्रथम चरण में स्वास्थ्य कर्मियों का किया जा रहा हैं। द्वितीय चरण में फ्रंट लाइन वर्कर का वैक्सीनेशन किया जाएगा। कुंभ मेले में फ्रंट लाइन में काम करने वाले अधिकार कर्मचारियों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। उनके लिए प्राथमिकता के तौर पर वैक्सीन उपलब्ध होगी। शाही स्नान पर्वों पर सबसे ज्यादा चुनौती होगी।
कोविड केयर सेंटरों के साथ 5000 बेड किए आरक्षित
कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका और सुरक्षा के इंतजामों के तहत बड़ी संख्या में कोविड केयर सेंटर स्थापित करते हुए 5000 बेड सुरक्षित किए गए है। इसकी संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। हाईकोर्ट ने चिकित्सीय व्यवस्था के पर्याप्त इंतजाम रखने के लिए आदेश दिए है। उनका पालन करते हुए अधिक से अधिक संसाधन बढ़ाने का प्रयास करेंगे। हरिद्वार जनपद सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला है। यहां पर कोरोना की रोकथाम करना बड़ी चुनौती रही है। उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा है। हरिद्वार में प्रवेश के 11 प्रवेश मार्ग है। आयोजनों के साथ सामान्य आवागमन होने के चलते हुए कोविड नियंत्रण करना बड़ा काम रहा है।
कुशल प्रशासक के तौर पर सूझबूझ के साथ किया काम
जिलाधिकारी सी रविशंकर के हरिद्वार में कार्यभार ग्रहण करने के बाद से ही चुनौतियां का अंबार लगा हुआ है, लेकिन जिलाधिकारी एक कुशल प्रशासक के तौर पर निखरकर आए है। उन्होंने अपनी सूझबूझ और कुशल प्रशासनिक क्षमता का परिचय देते हुए हरिद्वार की जनता को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित बचाकर रखने में उल्लेखनीय कार्य किया। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने प्रशासन के तमाम अधिकारियों, कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाकर रखा और जनता की सेवा में तत्पर रखने के लिए प्रेरित किया। जिलाधिकारी स्वयं जनता के लिए 24 घंटे मुस्तैदी से डटे रहे और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर योजनाओं को क्रियांवित किया। जिलाधिकारी ने कोरोना संक्रमण के दौर में भी हरिद्वार जनपद के विकास कार्यो को त्वरित गति प्रदान की। जन जीवन मिशन और तमाम विकास कार्यो को निविध्नता से संचालित कराया। जिलाधिकारी सी रविशंकर की ईमानदारी और सादगी हरिद्वार की जनता के दिलों को छूने लगी। जिसके चलते जनता ने उनका सहयोग किया। उनके तमाम निर्देशों का पालन किया और विपरीत परिस्थितियों में सहयोग किया। यही कारण है कि जिलाधिकारी सी रविशंकर कोरोना संक्रमण काल में स्वामित्व और जल जीवन मिशन के लक्ष्य पूरे किए है। सभी कार्य संतोषजनक हो रहे हैं। पर ज्यादा विकास कार्य की जरूरत है वहां पर काम कराने के लिए प्रयास जारी है। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि कुंभ की दृष्टि से विकास कार्यों में तेजी कर दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशानुसार कार्य किए जा रहे हैं।



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