प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को आशीर्वाद और यह काम




नवीन चौहान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेेंद्र सिंह रावत की मुलाकात और आशीर्वाद के बाद उनको बड़ी जिम्मेदारी मिलना लगभग तय हो गया है। उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव 2022 से पहले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भाजपा संगठन में बड़ा दायित्व मिलना लगभग तय है। वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनाने की बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करीब 25 मिनट की मुलाकात में उत्तराखंड में भाजपा की स्थिति पर चर्चा हुई। नेतृत्व परिवर्तन के बाद से जनता की राय और वर्तमान सरकार के कार्यो पर बातचीत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत में नई ऊर्जा का संचार करते हुए भाजपा की सरकार को चुनाव में जीत दर्ज कराने की जिम्मेदारी देकर विदा किया।

बताते चले​ कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत संघ के निष्ठावान कार्यकर्ता है। मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद से ही वह लगातार एक भाजपा कार्यकर्ता की तरह क्षेत्रों में सक्रिय रहे। उत्तराखंड के कुमाऊं और गढवाल के दौरे किए। भाजपा कार्यकर्ताओं से मिले और जनता के बीच जाकर उनका दुख दर्द जाना। जनता के बीच उनको बेहद सम्मान मिला।

वही दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना संक्रमण काल से जनता को सुरक्षित बचाने के लिए जागरूक किया। युवाओं को प्रेरित करते हुए पूरे प्रदेश में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया। प्रदेश में पर्यावरण की संतुलन को बरकरार रखने के दृष्टिगत पीपल के पौंधा रोपण की मुहिम शुरू की। मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटने के बाद उनकी सक्रियता में तेजी आई। जनता की समस्याओं को सुनना और प्राथमिकता से निदान करने की पहल शुरू की गई।

हरिद्वार कि मिस्सरपुर निवासी शेखर ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेहतर कार्य किए। गरीबों के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं को शुरू किया। जिसका लाभ हम सभी गरीबों को मिल रहा है। लेकिन भाजपा के ही कुछ विधायकों को उनकी ईमानदारी रास नही आई। मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने के लिए विधायक मोर्चा खोले हुए रहे। त्रिवेंद्र सिंह रावत की साफ सुथरी छवि के चलते भाजपा को लाभ मिलेगा लेकिन उनको हटाने की नाराजगी लोगों में है।

शेखर ने बताया कि पहली बार एक ईमानदार नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आया। जिसको बदलने का कार्य भी भाजपा के ही विधायकों और मंत्रियों ने किया। जिसके चलते तीन-तीन मुख्यमंत्री बदलने से आर्थिक बोझ प्रदेश की जनता को उठाना पड़ रहा है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *