13 साल की आयु में भाई और फिर की पत्नी की हत्या, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार





नवीन चौहान
खेलने की आयु 13-14 साल की आयु में अपने भाई की हत्या की। जब 35 साल का हुआ तो अपनी पत्नी की हत्या कर दी। यही नहीं हत्या कर पांच साल से पुलिस को गच्चा देकर फरार चल रहा था, लेकिन उत्तराखंड की एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसने हरिद्वार में पत्नी की हत्या की थी। उस पर 5 हजार रूपये का ईनाम घोषित था
हरिद्वार में 25 नवंबर-2015 को एक महिला की हत्या हो गई थी। नगर कोतवाली पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि उसका पति ही हत्या कर फरार हो गया है। हरिद्वार पुलिस ने उसे पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ा। मामले उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स को सौंपा गया। एसटीएफ ने अपना नेटवर्क बिछाया और मुखबिर के माध्यम से पता चला कि हरिद्वार का पांच हजार का ईनामी अपराधी विश्वजीत मलिक उर्फ राजू पुत्र दयाल मणि निवासी 03 नम्बर जेल कैम्प सितारगंज जनपद उधमसिंहनगर, वह उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में कही पर छिपा हुआ है। इस सूचना पर एसटीएफ कुमायॅू यूनिट के निरीक्षक एमपी सिंह के नेतृत्तव में एसटीएफ उत्तराखंड एवं जनपद हरिद्वार पुलिस की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया। उक्त टीम में शामिल कुमायॅू एसटीएफ यूनिट के आरक्षी किशोर कुमार एव आरक्षी महेन्द्र गिरी द्वारा विगत 10 दिनों से उपरोक्त फरार अभियुक्त की तलाश हेतु गोपनीय रूप से कार्य किया जा रहा था, पुख्ता सूचना मिलने पर कि, उपरोक्त फरार अभियुक्त कानपुर के थाना रसूलाबाद क्षेत्र में छिपा हुआ है, पर कार्रवाई करते हुए दिनांक 08 जनवरी- 2021 को उक्त फरार अपराधी को महेन्द्र नगर, ग्राम रसूलाबाद, थाना रसूलाबाद, कानपुर से गिरफ्तार किया गया है।
यह था मामला
गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि, उसके अपनी पत्नी से पारिवारिक सम्बन्ध अच्छे नहीं थे, उसकी पत्नी छोटी-छोटी बातों पर उससे लड़ाई-झगड़ा करती रहती थी, जिससे परेशान होकर उसने दिनांक 25 नवंबर-2015 को अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी और फरार हो गया था। तब से वह पुलिस से बचने के लिए उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य के अलग-अलग स्थानों पर छिपता फिर रहा था।
उक्त के अतिरिक्त पूछताछ के दौरान अभियुक्त ने यह भी बताया कि, वर्ष 1993-94 में जब वह 13-14 साल का था, उस समय उसके द्वारा अपने बड़े भाई गोपाल मलिक की हत्या की गई थी, जिसके सम्बन्ध में थाना सितारगंज, उधमसिंहनगर पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार कर बाल गृह हल्द्वानी में भेजा गया था, जहा से 6 महीने बाद वह छूट गया था।
यह है आरोपी
विश्वजीत मलिक उर्फ राजू पुत्र दयाल मणि, निवासी 03 नम्बर जेल कैम्प सितारगंज जनपद उधमसिंहनगर।
एसटीएफ की टीम में इनका रहा सहयोग
उप निरीक्षक बृज भूषण गुरूरानी, आरक्षी किशोर कुमार, आरक्षी महेन्द्र गिरी, आरक्षी मनमोहन सिंह, आरक्षी गोबिन्द सिंह बिष्ट। थाना कोतवाली नगर हरिद्वार से उप निरीक्षक पवन डिमरी, आरक्षी दीपक गौड़, आरक्षी राजेश सिंह का सहयोग रहा।



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