पहाड़ से लेकर मैदान तक झमाझम बरस रहे बादल, गरमी से राहत पर पानी से आफत




नवीन चौहान.
इस बार मानसूनी बादलों ने उत्तरी भारत में प्रवेश करते के साथ ही झमाझम बारिश का दौर शुरू कर ​दिया। पहाड़ से लेकर मैदान तक खूब बारिश हो रही है। बारिश का पानी अब लोगों के लिए मुसीबत बनने लगा है। बारिश होने से गरमी से राहत जरूर मिली है लेकिन जलभराव और भूस्खलन की वजह से लोगों पर आफत भी टूट रही है।

मौसम विभाग के मुताबिक इस बार मैदानी इलाकों में भी सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की जा रही है। रविवार को हुई बारिश की बात करें तो मौसम विभाग के अनुसार वेस्ट यूपी में र​विवार को शाम पांच बजे तक औसत वर्षा 23.3 मिमी दर्ज की गई जो सामान्य औसत से 238 प्रतिशत ज्यादा है। वेस्ट यूपी में 1 जून से 9 जुलाई तक औसत 206 मिमी वर्षा हुई जो सामान्य से 52 प्रतिशत अधिक है।
इसी तरह उत्तराखंड में 1 जून से 9 जुलाई तक औसत बारिश 305.4 मिमी दर्ज की गई जो कि सामान्य से 9 प्रतिशत अधिक है। इस अवधि में बारिश का सामान्य औसत 282.8 मिमी है। उत्तराखंड में सर्वाधिक बारिश का औसत हरिद्वार का रहा। यहां इस अवधि में सामान्य 217.5 मिमी के मुकाबले 466.3 मिमी बारिश दर्ज की गई जो​कि सामान्य से 114 प्रतिशत अधिक है।

उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में बारिश का आंकड़ा 1 जून से 9 जुलाई तक इस प्रकार रहा। अल्मोडा सामान्य से 2 प्रतिशत अधिक, बागेश्वर 86 प्रतिशत अधिक, चमोली 51 प्रतिशत अधिक, चम्पावत सामान्य से 9 प्रशितश कम, देहरादून सामान्य से 42 प्रतिशत अधिक, हरिद्वार सामान्य से 114 प्रतिशत अधिक, नैनीताल और पौडी गढ़वाल सामान्य से 29 प्रतिशत कम, पिथौरागढ़ सामान्य से 27 प्रतिशत कम, रूद्रप्रयाग सामान्य से 10 प्रतिशत कम, टिहरी गढ़वाल सामान्य से 61 प्रतिशत अधिक, उधमसिंह नगर सामान्य से 63 प्रतिशत अधिक और उत्तरकाशी में सामान्य से 9 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार मानूसन समय से पहले सक्रिय हुआ और उसकी स्थिति भी मजबूत रही। लोकल स्तर पर भी मानसूनी बादलों को बरसने के लिए पर्याप्त सिस्टम मिला। पश्चिमी विक्षोभ भी इस अवधि में खूब बने जिस कारण पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश का दौर जारी रहा। मैदानी क्षेत्रों में जमकर हो रही बारिश के पीछे भी यही कारण बताया जा रहा है।



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