सीएम और सुपर सीएम सभी की विधायकी खतरे में, निर्दलीय पावरफुल




नवीन चौहान.
मतदान हो गया लेकिन अब चाय की चुस्की के बीच रोज प्रत्याशियों की हार जीत का गणित सामने आता है। इस बार मतदाता ने किसे अपना वोट दिया है कोई भी दावे के साथ नहीं कह पा रहा है।
जिस तरह से वोट का प्रतिशत पहले चुनाव के जैसा ही रहा उससे भाजपा प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित मान रहे हैं लेकिन कांग्रेस का दावा है कि इस बार अधिक मतदान उनके पक्ष में हुआ है। कौन हारेगा और कौन जीतेगा इस बार यह तय पार्टी की परंपरागत वोट नहीं ​बल्कि ऐसे मतदाता करेंगे जो साइलेंट वोटर माने जाते हैं। ये मतदाता किसी पार्टी का नाम लेकर वोट नहीं करते बल्कि ये अपनी मर्जी से उस मतदाता या सरकार के पक्ष में वोट करते हैं जिन्हें ये पसंद करते हैं। इसीलिए इस बार कोई भी प्रत्याशी जीत का सटीक आंकड़ा नहीं लगा पा रहा है।
प्रदेश की सभी सीटों पर लगभग एक जैसी स्थिति है। यहां तक की सीएम और सुपर सीएम के दावेदार भी इस बार असमंजस में है। मतदान के बाद रिजल्ट का आकंलन करने वाले लोग चाय की चुस्की के बीच सीएम और सुपर सीएम की विधायकी भी खतरे में बता रहे हैं। कुछ ​सीटों पर पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ रहे निर्दलीयों की​ स्थिति मजबूत बतायी जा रही है।
हरिद्वार सीट पर मदन कौशिक जहां अपनी जीत का दावा कर रहे हैं वहीं कांग्रेस के सतपाल ब्रहमचारी कह रहे हैं कि इस बार मतदान उनके पक्ष में अधिक दिखा है, इसलिए उनकी जीत सुनिश्चित है। हालांकि मतदान के बाद उनके एक दो बयान ऐसे सामने आए जिससे देखकर लगा कि वह अपनी जीत के प्रति पूरी तरह आश्वास्त नहीं है। वहीं भाजपा प्रत्याशी को भी चिंता है कि भाजपा के गढ़ में कुछ बूथ ऐसे भी रहे जहां मतदान का प्रतिशत कम रहा। अब देखना यही है कि जनता जर्नादन 10 मार्च को किसके सिर पर जीत का ताज पहनाती है।



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