नवीन चौहान.
साल बीत रहा है, यह साल कड़ाके की ठंड के बीच विदा हो रहा है, साथ ही नया साल भी ठिठुरन भरी सर्दी के साथ आ रहा है। रविवार को उत्तर भारत के कई इलाकों में कोल्ड डे कंडीशन बनी रही, यानि दिन का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस या उससे कम ही दर्ज किया गया। नए साल यानि सोमवार 1 जनवरी को भी उत्तर भारत में अधिकतर स्थानों पर यही स्थिति रहने वाली है।
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सुबह से ही घना कोहरा दिखने की संभावना मौसम विभाग ने जतायी है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर ठंड के चलते कोल्ड डे कंडीशन बनी रहेगी। उत्तराखंड के अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया गया है। रविवार को मेरठ में पूरे दिन धूप नहीं निकली। सर्द हवाओं के असर से दिन का अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही बना रहा। मौसम विभाग ने सोमवार को भी यही स्थिति रहने की संभावना जतायी है।
सप्ताह के अगामी दिनों में कोहरा छाए रहने की संभावना बनी हुई है। हरिद्वार जनपद में भी ठंड का दौर बना रहेगा। यहां भी अभी कोहरा अभी दिखायी देगा। मौसम के इस मिजाज के चलते कड़ाके की ठंड से राहत अभी मिलती नजर नहीं आ रही है। सरदार वल्लभ भाई पटेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ आरएस सेंगर ने बताया कि अभी ठंड का यह दौर जारी रहेगा। ऐसे में ठंड से बचाव के तरीकों को अपनाना होगा। घर से बाहर निकलते समय ठंड न लगे इसका विशेष ध्यान रखना होगा।
IIFSR मोदीपुरम के प्रधान वैज्ञानिक डॉ पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि कड़ाके की ठंड में बागवानी करने वाले किसानों को अपने पौधों का भी ध्यान रखना होगा। उन्हें सर्दी और पाले से बचाने के लिए विशेषज्ञों की सलाह से उपचार करना चाहिए। कड़ाके की ठंड को देखते हुए डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर ने बताया कि इस मौसम में छोटे बच्चों को ठंड का असर होने पर निमोनिया की शिकायत बन जाती है। इसलिए छोटे बच्चों को इस ठंड से बचाने के लिए अधिक ध्यान देना चाहिए। कोल्ड होने की स्थिति में चिकित्सक की सलाह से ही मरीज का उपचार करना चाहिए।