बेटियों ने दिया इसरो से लेकर नासा तक अपना योगदान: डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती




सोनी चौहान
नेशनल साइंस फेस्टीवल 2020 के अवसर पर एम्स ऋषिकेश में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डॉ साध्वी भगवती सरस्वती को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।
आज शुक्रवार को नेशनल साइंस डे के अवसर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में आयोजित नेशनल साइंस फेस्टीवल में डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती ने मुख्य अतिथि के रूप में सहभाग कर नेशनल डे थीम-’वीमेन इन साइंस’ विषय पर उद्बोधन दिया तथा एम्स के युवा डाक्टरों को रिसर्च की ओर बढ़ने के लिये प्रेरित किया। कार्यक्रम के विषय में प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने जानकारी प्रदान की।


डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि सबसे बड़ा साइंस ईश्वर की बनायी यह दुनिया है जिसमें सब कुछ अपने समय पर सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न होता है। सूर्य का उगना, तारों का चमकना, जल, वायु का होना और ईश्वर की यह सुन्दर कृति अध्यात्म और विज्ञान का सुन्दर समन्वय है। विज्ञान और अध्यात्म एक दूसरे के पूरक है। हमारे वेदों, वैदिक साहित्य, मंत्रों और श्लोकों के माध्यम से हम आध्यात्मिक शक्ति की वैज्ञानिकता अच्छे से जान सकते है।
डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि ‘‘अध्यात्म पूरी वसुधा को एक परिवार मानकर वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश देता है हमारे खोज भी एक वसुधा एक परिवार की होनी चाहिये। उन्होने कहा कि ‘‘भारत की हर नारी में गार्गी, मृदालसा, कल्पना जैसी विदुषी नारियां बसी है अतः उन्हें सम्मान दे, अवसर दे और संसाधन प्रदान करें ताकि देश की ये हमारी बेटियां ऊँची उड़ान भर सकें। बेटियों की कल्पना, कल्पना न रह जायें, उनका सपना, सपना न रह जायें बल्कि जीवन की हर ऊँचाई को वह छू सके। भारतीय महिलाओं की उपलब्धियों की सूची बहुत बड़ी है बस उस पर गौर करने की जरूरत है, वे किसी से कमतर नहीं है बस उन पर विश्वास करने की आवश्यकता है, उन्होंने इसरो से लेकर नासा तक अपना योगदान दिया है।


एम्स के निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने सभी अतिथियों का अभिवादन किया और नारी शक्तियों को सम्मानित किया। साध्वी ने पूज्य स्वामी के आशीर्वाद के साथ शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।



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