​जिलाधिकारी सी रविशंकर ने हरिद्वार की जनता को माना अपना परिवार और भूल गए अपने बच्चे




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नवीन चौहान

कोरोना संक्रमण काल में जिलाधिकारी सी रविशंकर हरिद्वार की जनता को अपना परिवार मानकर मनोभाव से सेवा करने में जुटे है। दिन रात कोरोना मरीजों की व्यवस्थाओं को बनाने में प्रयासरत है। चिकित्सकों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर रहे है। प्रशासनिक टीम को दौड़ा रहे है। एक—एक मरीज की जिंदगी को सुरक्षित बचाने में हरसंभव प्रयास कर रहे है। दिन में 18 से 19 घंटे हरिद्वार की जनता को समर्पित कर रहे है। हकीकत यह है कि उनके पास अपने परिवार और अपने बच्चों का हाल जानने तक का वक्त नही है। जिलाधिकारी सी रविशंकर का ईमानदार व्यक्तित्व और कर्तव्यनिष्ठा जनता के दिलों को छू रही है। हरिद्वार की जनता के दिल में अपने जिलाधिकारी के प्रति विश्वास की भावना भी प्रबल हुई है। चिकित्सा प्रबंधन के सीमित संसाधनों के बीच जिलाधिकारी सी रविशंकर का सर्वश्रेष्ठ प्रयास जिंदगी जीने की अलख जगा रहा है।
हरिद्वार जनपद में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेहद ही प्रभावशाली हुई है। कुंभ पर्व 2021 में संतों और भक्तों के आगमन ने हरिद्वार में कोरोना संक्रमण को घातक बनाया। गैर राज्यों के भक्तों के संपर्क में आने से कोरोना महामारी की चपेट में स्थानीय जनता आ गई। चिकित्सा की तमाम व्यवस्थाए नाकाफी होने लगी। आक्सीजन की कमी दिखने लगी। लेकिन जिलाधिकारी सी रविशंकर कोरोना संक्रमण के प्रकोप से हरिद्वार की जनता को बचाने के लिए मानसिक रूप से पूरी तरह से तैयार थे। 23 मार्च 2020 के भारत में कोरोना संक्रमण के प्रवेश के साथ ही इस महामारी से जनता को बचाने के लिए पूरी तरह से संजीदा थे। प्रशासनिक कुशल नेतृत्व और जिले के मुखिया होने के नाते वह कोविड केयर सेंटर को बनाने की दिशा में कार्य कर रहे थे। चिकित्सकों को आवश्यक निर्देश जारी कर रहे थे। प्रत्येक शनिवार को साप्ताहिक ब्रीफिंग के जरिए जनता को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अलर्ट कर रहे है।
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कोरोना संक्रमण से जनता को जागरूक करने के लिए सर्वाधिक प्रेस ब्रीफिंग की और आंकड़ों और चिकित्सा व्यवस्थाओं से जनता को अवगत कराया। जिलाधिकारी ने हमेशा मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जनता को जागरूक किया। हरिद्वार कुंभ 2021 का आगाज हुआ और जिलाधिकारी सी रविशंकर की अग्निपरीक्षा और चुनौतियां शुरू हो गई।
कुंभ पर्व में सकुशल संपन्न कराने में जिलाधिकारी सी रविशंकर और उनकी प्रशासनिक टीम ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। लेकिन कुंभ के समापन के बाद हरिद्वार में कोरोना का जो प्रभाव हुआ वो बेहद ही चुनौतीपूर्ण रहा। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने आपदा की इस घड़ी में जनता की चीख पुकार के बीच अपना धैर्य और मानसिक संतुलन बनाकर रखा। जनता के तमाम मैसेज का जबाब दिया। मीडिया की तमाम आलोचनाओं के बाबजूद सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े।
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कोविड केयर सेंटर की व्यवस्थाओं में बढोत्तरी की। अस्पतालों में बेड की व्यवस्था को सुदृढ़ किया। वैक्सीनेशन ड्राइव को सफलता पूर्वक संचालन कराया। मरीजों के लिए आक्सीजन की आपूर्ति कराई। कोविड की व्यवस्थाओं को बनाने में जनता के सुझावों को आमंत्रित किया। श्मशान घाट की व्यवस्था बनाई गई। इंजेक्शन की कालाबाजारी, निजी अस्पतालों और एंबूलेंस की ओवररेटिंग की रोकथाम के लिए टीम गठित की गई। कोविड क्रफ्यू का अक्षरश: अनुपालन कराया। प्रशासन, चिकित्सकों, मीडिया और जनता से समन्वय बनाकर रखा।
जिलाधिकारी सी रविशंकर अपना अमूल्य वक्त जनता की सेवा में समर्पित कर दिया। हालांकि इन तमाम चुनौतियों के बीच प्रशासनिक कार्यो को जारी रखा। अवैध खनन और जनता की शिकायतों पर संजीदगी बनाए रखी। मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण जिलाधिकारी सी रविशंकर जनता की सेवा करने में खुद अपना ही परिवार भूल गए। अपने बच्चों और पत्नी का स्वास्थ्य जानने का वक्त नही निकाल पाए। कोरोना संक्रमण काल में जिलाधिकारी सी रविशंकर की कर्तव्यनिष्ठा काबिले तारीफ है।
कैमरे और खबरों की सुर्खियों से दूर रहकर अव्यवस्थाओं को दूर करने में प्रशासनिक निर्णय लेने की उनकी क्षमता तथा सकारात्मक सोच एक कुशल प्रशासनिक अफसर के तौर पर ख्याति दिलायेगी। सी रविशंकर की ​गिनती देश के चंद ईमानदार आईएएस अफसरों में रूप में इतिहास में दर्ज होगी। जिन्होंने कोरोना संक्रमण काल में उत्कृष्ठ कार्य किया और जनता की सेवा में समर्पित रहे।



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