डीएम सी रविशंकर को यूं ही नहीं आया गुस्सा, और क्यों की कार्रवाई, जानिए वजह




नवीन चौहान
जिलाधिकारी सी रविशंकर को यूं ही अचानक गुस्सा नहीं आया। महिला अधिकारी के गलत आंकड़े पेश करने पर भी डीएम ने आंकड़े जुटाने का वक्त दिया। लेकिन महिला अधिकारी अनुशासनहीनता करने लगी। डीएम सी रविशंकर ने इस पर भी अपने धैर्य और शालीनता का परिचय दिया। उन्होंने क्रोध को काबू किया। महिला अधिकारी के गलत आचरण करने के बाबजूद वह दूसरे अधिकारियों से मीटिंग करते हुए जल जीवन मिशन की कार्ययोजना को पूरा करने की समीक्षा करते रहे। अधिकारियों को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी सी रविशंकर के कार्य करने का अंदाज अनूठा है। उनकी सर्वाधिक प्राथमिकता जनहित के कार्यो को पूरा करने की रहती है। जिलाधिकारी सी रविशंकर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को गरीब जनता तक पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास करते रहते है। वक्त का पूरा सदुप्रयोग करते है। बेहद ही शांत, न्यायप्रिय और नपे तुले शब्दों का उपयोग करते है। लेकिन शनिवार की शाम चार बजे जिलाधिकारी सी रविशंकर को जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक के दौरान गुस्सा आ गया। इसी सबसे बड़ी वजह यह रही कि जिला कार्यक्रम अधिकारी भारती तिवारी से जब यह पूछा गया कि कितने आंगनबाड़ी केंद्र है। और कितने आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवनों में चल रहे है तो वह जबाव नहीं दे पाई। हद तो तब हो गई जब उन्होंने सहयोग करने में भी असमर्थता जाहिर कर दी। जिलाधिकारी सी रविशंकर पशोपेश में आ गए। केंद्र सरकार की 100 दिन की योजना को पूरा करने की चुनौती है। 93 दिन बीत गए हैं। महिला अधिकारी को किराए पर चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या का ही पता नहीं है। ऐसे में इन आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल की व्यवस्था को बनाना चुनौती है। लेकिन फिर भी जिलाधिकारी सी रविशंकर ने अपना धैर्य बरकरार रखा। महिला अधिकारी अपने स्थान पर मोबाइल चलाती रही। लेकिन जिलाधिकारी ने इस पर भी कोई आपत्ति नहीं की। जिलाधिकारी की एक घंटे चली बैठक महिला अधिकारी की लापरवाही के चलते निष्कर्षहीन होती जा रही थी। लेकिन डीएम ने जलसंस्थान के अधिकारियों के साथ इस एक घंटे के वक्त को सार्थक बनाया। जल संस्थान व तमाम दूसरे अधिकारियों को समन्वय बनाकर कार्य करने के लिए निर्देशित किया। जिलाधिकारी सी रविशंकर की नाराजगी की सबसे बड़ी वजह यह थी कि एक घंटे की समीक्षा बैठक का कीमती वक्त आंकड़ों की गलत जानकारी के कारण बेकार जा रहा था। महिला अधिकारी अपने कर्तव्य से विमुख होकर बैठक का वक्त खराब कर रही थी। अगर जिलाधिकारी सी रविशंकर महिला अधिकारी की बातों को सुनने तो वह मीटिंग के उददेश्य को पूरा नहीं कर पाते है। लेकिन जिलाधिकारी ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने अपना ध्यान समीक्षा बैठक के उददेश्य को पूरा करने में लगाया। जी हां यही खूबी जिलाधिकारी सी रविशंकर की कर्तव्यनिष्ठा को जाहिर करती है। उनके कार्य करने का अंदाज भी सबसे अलग है।
टंकी नही पानी चाहिए
जिलाधिकारी सी रविशंकर किसी भी कार्य को पूरी प्रमाणिकता के साथ करते है। ऐसा ही जल स्चव्छता मिशन की समीक्षा बैठक में हुआ। जिलाधिकारी ने कहा कि टंकी में पानी आना चाहिए। कोई लापरवाही नहीं चलेगी। अगर किसी टंकी में स्वच्छ पानी नही आया तो कार्रवाई के लिए तैयार रहिए।
हरिद्वार में ये हुई प्रगति
अधिकारियों ने इस योजनाओं की प्रगति पर जिलाधिकारी को बताया कि 446 स्कूलों में काम पूरा करा दिया गया है, 215 स्कूलों का कार्य प्रगति पर है तथा छह स्कूलों का काम आज शुरू हो गया है। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 661 स्कूलों में कार्य पूरा होने की रिपोर्ट प्रमाण पत्र सहित एक सप्ताह में उपलब्ध कराएं।
यह हुई जिला कार्यक्रम अधिकारी पर कार्रवाई
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जिला कार्यक्रम अधिकारी भारती तिवारी पर कठोर कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू करा दी है। महिला अधिकारी को तत्काल प्रभाव से पद पर रहते हुए भी चार्ज छीनकर दूसरे जनपदीय अधिकारी को सौंप दिया है। इसके अलावा अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति कर दी गई है। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से ​लेते हुए महिला अधिकारी की अनियमितता, लापरवाही और अभद्रता की रिपोर्ट विभागीय सचिव हरिश्चंद्र सेमवाल को तत्काल हटाने को रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है।



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