नवीन चौहान
एसएसपी मंजूनाथ टीसी की दूरदर्शिता के चलते उधमसिंह नगर की जनता कच्ची शराब की जद में आने से बच गई। एसएसपी की सख्ती के चलते जनपद की पुलिस ने शराब माफियाओं पर ताबड़तोड़ शिकंजा कसा। शराब तस्करों की कच्ची शराब की भटिटयों को नष्ट किया गया और उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए। जनपद पुलिस का अवैध शराब के विरूद्ध अभियान जारी है। यही कारण है कि उधमसिंह नगर जैसे संवेदनशील जनपद में कच्ची शराब पर पूर्णतया अंकुश लगाने में पुलिस कामयाबी हासिल करने में सफलता पा रही है।
एसएसपी उधमसिंह नगर मंजूनाथ टीसी ने अपने सूचना तंत्र के आधार पर जसपुर में कच्ची शराब बनाने की जानकारी जुटाने के बाद पुलिसकर्मियों को निलंबित किया। पुलिस की संलिप्तता पाए जाने पर पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की गई। लेकिन एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने इस कार्रवाई को पुलिस के निलंबन तक ही सीमित नही रखा। अपितु जनपद पुलिस को युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर कच्ची शराब की भटिटयों को नष्ट करने के लिए निर्देशित किया। जबकि शराब तस्करों से सांठगांठ रखने वाले पुलिसकर्मियों के तबादले किए गए। कमावेश सभी थानों में मेहनती और उत्साही थानेदारों को तैनाती देकर शराब माफियाओं पर करारा प्रहार करने के आदेश दिए गए।
एसएसपी के आदेशों के अनुपालन में जनपद की पुलिस ने उधमसिंह नगर को कच्ची शराब से मुक्त कराने की मुहिम छेड़ दी। जिसका नतीजा यह रहा कि उधमसिंह नगर की जनता चैन की बंसी बजा रही है। जबकि हरिद्वार में मातम छाया हुआ है। जहरीली कच्ची शराब के चलते एक दर्जन से अधिक लोग असमय काल का ग्रास बन गए। हरिद्वार पुलिस की लापरवाही और प्रशासन की हीलाहवाली के चलते कच्ची शराब की भटिटयां चलती रही। पुलिस प्रशासन सोया रहा। अब जब एक दर्जन से अधिक मौत हो गई तो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा रहा है। शराब तस्करों को ढूंढ—ढूंढकर जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है। काश समय रहते ही हरिद्वार के डीएम और एसएसपी दूरदर्शिता दिखाते तो लोगों की जिंदगी खतरे में नही पड़ती।