विजय सक्सेना.
साइकर क्राइम थाना पुलिस ने एक ऐसे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड किया है जो विदेशी नागरिकों को ठगने का काम कर रहा था। डीएलएफ फेज-2 में स्थित इस कॉल सेंटर से पुलिस ने पांच महिलाओं समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। कॉल सेंटर मालिक मौके से फरार होने में कामयाब रहा, पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
बुधवार को गुरूग्राम के डीएलएफ फेज-2 स्थित जिस फर्जी कॉल सेंटर को पकड़ा गया वहां से पुलिस ने एक लैपटॉप व 9 सीपीयू बरामद किए हैं। बताया गया कि यहां से खुद को फेडरल पुलिस डिपार्टमेंट का सदस्य बताकर ठगी को अंजाम दिया जा रहा था।
मुख्य आरोपी को एक दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। साइबर क्राइम थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि डीएलएफ फेज-2 इलाके में रैपिड मेट्रो पिलर-34 के निकट एक बहुमंजिला इमारत में कॉल सेंटर चलाया जा रहा है। इसमें फर्जी तरीके से नेशनल आईडेेंटिटी नंबर को सस्पेंड करने के नाम पर विदेशी नागरिकों से धोखाधड़ी की जा रही है।
पुलिस ने यहां अपनी पूरी तैयारी के साथ एसीपी डीएलएफ की अगुवाई में छापा मारा। कॉल सेंटर में मौजूद कर्मचारी विदेशियों से बातचीत कर रहे थे। पुलिस ने मैनेजर मुकेश शर्मा से लाइसेंस, कंपनी का नाम, रजिस्ट्रेशन समेत अन्य रिकॉर्ड मांगा, लेकिन वह नहीं दे सका। ऐसे में मुकेश शर्मा, चंची, हाईका असूमी व अटो वेरो सहित नौ युवक-युवतियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को पकड़े गए लोगों ने बताया कि कॉल सेंटर मालिक फरीदाबाद निवासी डेविड वीआईसीआई डायलर पर विदेशी ग्राहकों का डाटा डालता है। इस डाटा का इस्तेमाल कर वह विदेशी नागरिकों को कॉल करके खुद को फेेडरल पुलिस डिपार्टमेंट का सदस्य बताते थे और उनका नेशनल आईडेंटिटी नंबर सस्पेंड करने का डर दिखाकर विभिन्न कंपनियों के गिफ्ट कार्ड खरीदने के लिए मजबूर करते थे।
इसके बाद इनसे गिफ्ट कार्ड का नंबर लेकर एक अन्य व्हाट्सएप ग्रुप पर भेज देते थे, जो आईटी और कार्ड के नाम से बनाए गए थे। गिफ्ट कार्ड को कैश करवा कर राशि अलग-अलग खातों में डलवा लेते थे। एसीपी, डीएलएफ संजीव बल्हारा ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगाया जा रहा है कि गिरोह अब तक कितने लोगों से रकम ठग चुका है। जिन दो व्हाट्सएप ग्रुप पर गिफ्ट कार्ड के नंबर भेजे जाते थे, उनकी भी जांच की जा रही है।