अनुराग गिरि
हमीरपुर। फर्जी होटल व रेस्टोरेंट पर पर्यटन विभाग ने शिकंजा कस दिया है। पर्यटन विभाग फर्जी होटल व रेस्टोरेंट को चिंहित कर नोटिस देने का कार्य कर रहा है। इसी के चलते 25 होटल व रेस्टोरेंट को फर्जी करार देते हुए नोटिस थमा दिया गया है। विभाग की इस कार्रवाई से होटल व रेस्टोरेंट संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। निरीक्षक संजय कुमार के नेतृत्व में चली इस कार्रवाई ने दिन भर पूरे जिला का निरीक्षण किया। इसमें नादौन से सीधा हमीरपुर, भोटा व जाहू वाया पट्टा-मुंडखर शामिल है। होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस व सराय के निरीक्षण भी किये गए। जिला में राष्ट्रीय उच्च मार्ग की घोषणा के बाद यहां पर रेस्टोरेंट की संख्या बढना शुरू हो गया है। धर्मशाला में बने अर्तराष्ट्रीय किक्रेट स्टेडियम के बाद तो जिला में होटल व सराय की भी बाढ आ गई। पिछले 5 वर्षो में जिला के लगभग आधा दर्जन आलिशान होटल बन चुके है। लिहाजा पर्यटन विभाग की निगाहें भी जिला की ओर मुड़ गई। ऐसे में जब विभाग की टीम ने निरीक्षण शुरू हुआ तो लगभग अधिकतर रेस्टोरेंट विभाग के पास पंजीकृत ही नहीं है। इनमें कुछ होटल भी शामिल है। पर्यटन विभाग के मुख्य दस्तावेज ना होने से इन्हें विभाग ने फर्जी करार देते हुए चालान काट दिया। यहां बता दें कि पर्यटन विभाग के पास पर्यटन से जुडे हर कार्य को पंजीकृत करवाना आवश्यक होता है। क्योंकि पर्यटक पूरे राज्य या देश के मेहमान होते है। यहां पर पहुंचे पर्यटक होटल या रेस्टोरेंट का बोर्ड पढकर भोजन या ठहराव के लिए पहुंचते है। यदि यहां पर सुविधाएं या भोजन की गुणवत्ता सहीं नहीं होगी तो इसका विपरीत असर मेहमानबाजी पर पडता है। लिहाजा पर्यटन विभाग इस परिस्थिति से बचने के लिए सचेत रहता है। इसी सचेतपन के चलते जिला में हुए औचक निरीक्षण में खुब कारोबारियों की फजीहत भी हुई। विभाग द्वारा किए गए इस औचक निरीक्षण में इस बात का भी खुलासा हुआ कि अधिकतर ऐसे कारोबारियों को जानकारी ही नहीं है कि होटल रेस्टोरेंट व गेस्ट हाउस पर्यटन विभाग में रजिस्टर करवाए जाते है। विभाग की टीम ने जब दस्तावेज खंगालना शुरू किए तो कई लोगों ने इससे अन्भिज्ञयता जताई। रेस्टोरेंट चलाना भी कोई खेल नहीं है। बेहतर रसोईए के साथ-साथ बैठने की उचित व्यवस्था होना जरूरी है। शौचालय के साथ सफाई व्यवस्था भी देखी जाती है। रेस्टोरेंट के फट्टे आजकल लगाए जा रहे है। लेकिन यह सब गैर कानूनी है। इसके लिए पर्यटन विभाग से लाइसेंस लेना जरूरी है। जिला में पर्यटन विभाग ने औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान 25 होटल, रेस्टोरेंट व गेस्ट हाउस फर्जी निकले। किसी के पास भी इन्हें चलाने का प्रमाण पत्र नहीं था। सभी का चालान काटा गया है। विभाग से ऐसे कारोबार की अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके लिए लाइसैंस हर तीन वर्ष बाद लाइसेंस रिन्यू भी करवाना अनिवार्य है।