नवीन चौहान
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अकेले दम पर ही उत्तराखंड कांग्रेस में जान फूंक रही है। उनके अलावा अन्य कांग्रेसी नेता हरीश रावत की भांति सक्रिय नजर नहीं दिख रहे हैं। हरिद्वार की बात करें तो कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी मुददों को उठाने में नाकाम साबित हुए है। जनता की समस्याओं को उठाने का साहस नहीं है। जिसके चलते कांग्रेसी नेताओं का मनोबल कमजोर पड़ता जा रहा है। कांग्रेसी नेता गुटबाजी में फंसे है। जबकि भाजपा लगातार अपना कुनबा बढ़ाती जा रही है। भाजपा की गलत नीतियों का विरोध करने का साहस अकेले हरदा उठा रहे है। बेरोजगारी और तमाम मुददों को हवा दे रहे है। हरदा सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय है। हरिद्वार में मौन साधना करने आए हरदा कांग्रेस में जान फूंककर चले गए।
हरीश रावत खांटी कांग्रेसी है। कांग्रेस के प्रति वफादारी उनकी जगजाहिर है। यही कारण है कि कांग्रेस हाईकमान तक उनकी पकड़ मजबूत है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते है। लेकिन उत्तराखंड में कांग्रेस की राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय है। हरदा जनता से सीधे संपर्क में बने हुए हैं। अपनी पत्नी रेणुका रावत के हाथों से बने पहाड़ी व्यंजनों के बहाने उत्तराखंड की संस्कृति का प्रचार कर रहे है। हालांकि ये सब राजनीतिक हथकंडे है। लेकिन उत्तराखंड की जनता के दिलों तक अपनी बात पहुंचाना हरदा बेहतर जानते है। हरदा ने हरिद्वार में मौन साधना के दौरान अपने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। संतों के आश्रम पहुंचे और कार्यकर्ताओं में जोश भरा। हरदा की यही अदांज उनको जनता के बीच में सक्रिय बनाकर रखता है।
पूर्व सीएम हरदा ने अकेले दम पर ही उत्तराखंड कांग्रेस में फूंक रखी जान
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