पूर्व सीएम हरदा ने धर्मशाला पर चढ़कर किस पर चलाया तीर, धर्मशाला खरीदने वाला कौन




नवीन चौहान
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हमेशा अपने बयानों को लेकर खबरों में बने रहते है। उत्तराखंड में कांग्रेस सत्ता में आई तो कांग्रेस के विजय बहुगुणा सीएम पद पर काबिज हुए तो हरदा की चिटिठयां भूचाल लाने लगी। हरदा चर्चाओं में आ गए और आखिरकार उत्तराखंड के सीएम बने। मुख्यमंत्री बनने के बाद हरीश रावत फुल फार्म में आ गए। लेकिन राज्य को लेकर संजीदा नही दिखाई दिए। प्रदेश का ना कर्ज कम हुआ और ना ही राज्य में विकास की बयार दिखाई दी। प्रदेश पर करीब 34 हजार करोड़ का कर्ज बढ़कर 50 हजार करोड़ का आंकड़ा पार कर गया। साल 2017 में प्रदेश में फिर विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा प्रचंड बहुमत से सत्ता में आ गई और कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। खुद हरीश रावत चुनाव हार गए। लेकिन हरदा ने हिम्मत नही हारी। जो नियम कानून वह मुख्यमंत्री रहते लागू नही करा पाए। वो बात अब सोशल मीडिया के जरिए सार्वजनिक कर जनता को बता रहे है।


हरदा का टवीट
हरदा ने ऐसा ही एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने टवीटर के माध्यम से किस पर तीर चलाया है। हरदा ने लिखा कि हरिद्वार में बहुत सारी धर्मशालाएं, खोलियां और प्रॉपर्टीज बिकती है। मगर एक तारीफ की बात यह है कि बेचने वालों में भी नाम करीब—करीब एक ही तरीके के आते है। दो तीन—चार नाम और खरीदने वालों में भी एक ही नाम आता है। तो ये संजोग में इतने साल हरिद्वार की सेवा करने के बाद भी नही समझ पाया।
हरदा का निशाना किस पर
पूर्व सीएम हरीश रावत ने ये टवीट बहुत सोच समझने के बाद किसी की ओर इशारा करते हुए लिखा है। इस तीर का निशाना उन्होंने बेहद सटीक लगाया है। हरदा राजनीति के पुराने धुरंधर है। वह जब बयानों के तीर चलाते है तो उससे कोई ना कोई घायल होता है। देखना होगा कि इस तीर से कौन घायल होगा।
हरदा खुद रहे फेल अब सवाल
वैसे पूर्व सीएम हरदा सत्ता से बेदखल होने के बाद धर्मशालाओं और खोलियों की सुरक्षा की बात तो कर रहे है। लेकिन जब खुद मुख्यमंत्री थे तो इन संपत्तियों को बचाने की पहल क्यो नही की गई। ये सवाल हरिद्वार की जनता उनसे पूछ रही है। उन्होंने खुद कोई कानून क्यो नही पारित कराया। जिससे इन धार्मिक संपत्तियों को बचाया जा सकता था। धर्मशालाओं की खरीद फरोख्त को रोकने के लिए उत्तराखंड में एक बेहतर कानून बना सकते थे। जिससे हरिद्वार की धार्मिक संपत्तियों को बचाया जा सकता था।
हरदा ने किसको किया घायल
हरदा के इस टवीट के बाद एक बात ओर उठती है कि आखिरकार वो एक खरीददार कौन है। जो धार्मिक संपत्तियों को खरीद रहा है। इन संपत्तियों की ब्रिकी कराने में वो चार लोग कौन है। हरदा ने जब टवीट किया है तो ये बात तो साफ है कि वह उन चारों बेचने वाले को और एक खरीदने वाले को भली भांति जानते है। अगर वास्तव में गलत तरीके से धार्मिक संपत्तियां बेची और खरीदी जा रही है तो एक कुशल राजनेता को उन संपत्तियों को बचाने की पहल करनी चाहिए।



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