भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुलाकात, भ्रष्टाचार पर हुई बात ?





आयुष चौहान
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुलाकात हुई। शिष्टाचार मुलाकात में उत्तराखंड के तमाम भ्रष्टाचार को लेकर बात हुई ? बैकडोर भर्ती मामले की पूरी जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ली। इसके अलावा यूकेएसएसएससी परीक्षाओं में धांधली पर भी चर्चा हुई। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया से बात करते हुए इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताकर चुप्पी साध ली। लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत का आत्मविश्वास तो कुछ और ही इशारा कर रहा है। जिसके बाद देहरादून में भाजपा की सियासत में हलचल तेज है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में साल 2017 में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपी गई थी।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुलाकात

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से सरकार चलाने के जीरो टॉलरेंस की मुहिम की शुरूआत की। उन्होंने खनन माफियाओं पर शिकंजा कसके रखा। टांसफर पोस्टिंग की दलाली प्रथा को पूरी तरह से बंद कर दिखाया। इसी के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हरक सिंह रावत जैसे दिग्गज नेताओं की मनमानियों पर भी पूर्णतया अंकुश लगाया। उन्होंने मुख्यमंत्री पद की गरिमा का सम्मान बरकरार रखा और भाजपा के ​ही विधायकों से नाराजगी मोल लेते रहे। भाजपा विधायकों के तमाम नियम विरूद्ध कार्यो को करने में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ इंकार कर दिया। इन्ही में एक मामला विधानसभा में बैकडोर भर्ती का रहा। विधानसभा में नियुक्तियों को करने में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ इंकार करते हुए तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल से नाराजगी मोल ले ली।
भाजपा के तमाम नाराज विधायकों ने मोर्चा संभाला फीडिंग सजाई और त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री की कुर्सी से आउट करा दिया। भाजपा संगठन के निष्ठावान कार्यकर्ता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भाजपा हाईकमान से मिले सम्मान पर खुशी जाहिर की। मुख्यमंत्री की कुर्सी से विदाई के बाद संगठन को मजबूत करने में जुटे रहे।
लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम एक बार फिर चर्चाओं में तब आया जब यूकेएसएसएससी परीक्षाओं में धांधली होने पर भाजपा के ही एक जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह की गिरफ्तारी होने के बाद उनका नाम जोड़ा गया। हाकम सिंह की त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ फोटो सोशल मीडिया की सुर्खियां बनने लगी तो त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी चुप्पी तोड़कर साफ गोई से अपनी बात रखी। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह कहने में गुरेज नही किया कि हाकम भाजपा का कार्यकर्ता रहा है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति के चरित्र के बारे में जानकारी नही होती। कार्यकर्ता साथ में फोटो लेते रहते है। हाकम एक आरोपी व्यक्ति है और उसको कानून सजा ​देगा।
त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान में ईमानदारी औ
र सत्यता दिखाई दी। परीक्षाओं में धांधली में उनका युवाओं को इंसाफ दिलाने का निर्णय प्रदेश की जनता में अंधेरे में रोशनी दिखला गया।
इसी के साथ बैकडोर भर्ती प्रकरण में त्रिवेंद्र सिंह रावत की ईमानदारी और न्यायप्रिय कार्यशैली प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई। प्रदेश की जनता अब समझ चुकी थी कि बतौर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत काजल की कोठरी में बैठकर अपने कुर्ते को दागदार होने से बचाते रहे। भाजपा विधायकों, मंत्रियों और संघ कार्यकर्ताओं के दबाब के बाबजूद अनैतिक कार्यो के पक्षधर नही रहे।
ऐसे में त्रिवेंद्र सिंह रावत का आत्मविश्वास बढ़ता जा रहा था। यही आत्मविश्वास भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात के बाद और प्रबल दिखाई दिया।



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