नवीन चौहान
गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के संयुक्त परीक्षा नियंत्रक एवं कार्यवाहक कुलसचिव डाॅ पीसी जोशी का हार्ट अटैक से निधन हो गया। डाॅ जोशी पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार की नौकरी छोड़कर गुरूकुल कांगड़ी में सेवाएं दे रहे थे। कीट एवं परिस्थिति विज्ञान के शोध कार्यो में डाॅ जोशी को महारथ हासिल थी। देश विशेष में उनका बड़ा नाम था। डाॅ जोशी के निधन से गुरूकुल कांगड़ी में शोक की लहर है। कुलपति डाॅ रूप किशोर शास्त्री ने डाॅ जोशी के निधन को अपूणीय क्षति बताते हुए अपने श्रद्धांजलि दी है।
मूल रूप से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ निवासी डाॅ पीसी जोशी की प्रारंभिक शिक्षा कुमांऊ के सरकारी स्कूल में हुई। नैनीताल विश्वविद्यालय से एमएससी की डिग्री और पीएचडी की उपाधि हासिल करने के बाद भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय में बतौर वैज्ञानिक के पद पर कार्य करने का अवसर मिला। लेकिन जन्तु विज्ञान में असिस्टेंट प्रोफसर के पद पर साल 1996 में गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में सेवाएं देने पहुंचे। गुरूकुल कांगड़ी में उन्होंने ईमानदारी से कार्य करते हुए लोकप्रियता हासिल की। गत वर्ष भारत सरकार की ओर से बैंगलोर में आयोजित वैज्ञानिक सम्मेलन में जन्तु विज्ञान के सक्रिय अध्यक्ष के तौर पर प्रतिभाग किया। डाॅ पीसी जोशी की ख्याति निरंतर बढ़ रही है। वह छात्र हितो के लिए संघर्षशील रहते थे। बेहद ही व्यवहार कुशल स्पष्ट वक्ता, ईमानदार कार्यशैली और साधारण व्यक्तित्व के धनी डाॅ पीसी जोशी का कनखल के ज्ञान लोक काॅलोनी में आवास था। जहां वह अपने पुत्र पुत्री व पत्नी के साथ रहते थे। बीती रात सीने में दर्द की शिकायत हुई। जिसके चलते उनका निधन हो गया। चिकित्सकों ने मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया है। 57 साल की आयु में एक साधारण पृष्टभूमि से निकले डाॅ जोशी ने गुरूकुल कांगड़ी में शिक्षा के मानकों के अनुरूप कार्य करते हुए विशेष लोकप्रियता हासिल की। डाॅ जोशी के निधन पर न्यूज127 अपने श्रद्धासुमन अर्पित करता है।