नवीन चौहान
हरिद्वार। चुनावी शंखनाद हो चुका है। भाजपा ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। लम्बी प्रतीक्षा के बाद भाजपा की पहली लिस्ट आने के बाद लोगांे का संशय दूर हुआ। हरिद्वार सीट से सीटिंग एमपी डा. रमेश पोखरियाल निशंक पर पार्टी ने पुनः विश्वास जताते हुए उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस की सूची आना अभी बाकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि हरिद्वार सीट से वर्ष 2014 के चुनावों में अपनी पत्नी रेणूका रावत की निशंक के हाथों हुई करारी हार का बदला लेने के लिए हरीश रावत हरिद्वार सीट से चुनावी मैदान में किस्मत आजमा सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो हरिद्वार सीट पर चुनाव रोचक होगा। वहीं हरदा के नैनीताल सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें भी अधिक लगाई जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के नैनीताल सीट से चुनाव लड़ने से इंकार करने के बाद नैनीताल की सीट पर रोचक स्थिमि उत्पन्न हुई है। किन्तु पूर्व सीएम हरदा पत्नी की हार का बदला लेने के लिए हरिद्वार से चुनावी दांव लगा सकते हैं। वहीं हरदा के हरिद्वार से चुनाव लड़ने पर कांग्रेस में ही एक राय नहीं है। इस अंदरूनी कलह में स्वंय हरीश रावत ने पूर्व में अपने ट्विटर के जरिए आग में घी डालने का काम कर इसे हवा दी थी। विगत माह हरीश रावत ने हरिद्वार के एक कांग्रेसी नेता के कुख्यातों से संबंध होने और माडवाली करवाने का आरोप लगाते हुए फेसबुक पेज पर पोस्ट की थी। जिसके बाद से हरिद्वार कांग्रेस में भूचाल आ गया था। हालांकि कांग्रेस में अंरूनी कलह पहले से ही थी, किन्तु इस पोस्ट के बाद अंर्तकलह खुलकर सामने आ गई। कांग्रेस का खेमा हरीश का पसंद नहीं करता जबबि दूसरा खेमा हरीश के समर्थन में हैं। ऐसे में हरदा हरिद्वार से चुनाव लड़ने में पशोपेश में अवश्य होंगे। वहीं कुछ कांग्रेसियों का कहना है कि जो नेता मुख्यमंत्री रहते हुए प्रदेश में विधानसभा की दोनांे सीटांे से हार जाए उसका लोकसभा चुनाव में आसानी से जीत का दावा करना हास्यास्प्रद है। हारने वाली दोनों सीटों में से एक सीट हरिद्वार ग्रामीण की थी। जहां निशंक की रणनीति ने हरदा को चारों खाने चित कर दिया था। अब निशंक को हरिद्वार सीट से टिकट मिल चुका है ऐसे में हरदा का पत्नी का बदला लेना आसान नहीं होगा। ऐसे में इस लोकसभा चुनाव में हरीश रावत कोई रिस्क नही उठायेंगे। हरदा के लिए नैनीताल सीट सबसे मुफीद है। हरदा कुमाउं की पृष्ठभूमि से जुड़े है। मुख्यमंत्री रहने के दौरान हरदा ने नैनीताल में जमकर कार्य कराए। उनको उम्मीद है कि नैनीताल सीट पर वह आसानी से जीत दर्ज कर पायेंगे। वही हरिद्वार सीट पर पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रहमचारी और संजय पालीवाल की नजर भी गढ़ी हुई है। ऐसे में देखना होगा कि हरदा पत्नी की हार का बदला लेने हरिद्वार आते है। यहां कांग्रेस की गुटबाजी के विरोध में नैनीताल का रूख करते है।