नवीन चौहान, हरिद्वार। नाबालिग के उत्पीड़न के आरोपों में फंसी महिला जज दीपाली शर्मा को बचाने के लिये दो सफेदपोशों ने पूरा जोर लगा दिया है। सत्ताधारी पार्टी से जुड़े दोनों सफेदपोश नेताओं ने मामले को रफा-दफा करने के लिये पैरवी शुरू कर दी है। वही हाईकोर्ट के आदेशों के बाद महिला जज को हरिद्वार से निलंबित कर दिया गया है। हरिद्वार के इतिहास में ये पहला मामला है कि हरिद्वार की महिला जज को इस तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि महिला जज इन तमाम आरोपों को बेवुनियाद बताकर खुद के खिलाफ होने वाली एक बड़ी साजिश का संकेत कर रही है।
हरिद्वार की जिला कोर्ट में तैनात एक महिला जज दीपाली शर्मा के सरकारी आवास से एक नाबालिग बच्ची को मारपीट कर जबरन रखने के आरोप से सनसनी मच गई थी। हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराते हुये जिला जज राजेंद्र सिंह चौहान, एसएसपी कृष्ण कुमार वीके व चाइल्ड हेल्प लाइन की संस्था के अफसरों ने कैमरे की देखरेख में महिला जज दीपाली शर्मा के घर पर दबिश दी। महिला जज के घर से एक 14 साल की किशोरी को बदहवास हालत में बरामद किया किया। इस बच्ची का मेडिकल कराया गया तथा कोर्ट में बयान दर्ज कराये गये। इस पूरे प्रकरण पर हाईकोर्ट की नजर बनी हुई है। हाईकोर्ट के अगले एक्शन का सभी को इंतजार है। इसी प्रकरण में महिला जज को बचाने के लिये दो सफेदपोश नेताओं ने एंट्री कर ली। सूत्रों से पता चला कि दोनों सफेदपोश नेताओं से महिला जज के करीबी संबंध है। इसीलिये इस प्रकरण को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। नाबालिग बच्ची महिला जज के घर पर किस तरह पहुंची। उससे घरेलू कार्य कराया जा रहा था। उसके शरीर में किस प्रकार इतनी चोटे आई ये तमाम सवाल जांच का विषय बन गये है। लेकिन महिला जज के समर्थन में इन दोनों नेताओं की एंट्री ने केस को रोचक बना दिया है।