आरोग्य: हृदय की कमजोरी के असरकारक घरेलू उपचार, दिल की सुरक्षा आपके हाथ




नवीन चौहान.
थोड़ी-सी सावधानी तथा खानपान में थोड़ा-सा बदलाव हमें हृदय रोगों से बचा सकते हैं। इस दिशा में प्रकृति आपकी सबसे बड़ी दोस्त बनकर साथ देती है। कैसे? आइए जानें-प्रतिदिन तांबे के बर्तन में रखा पानी पिएँ। भोजन बनाते समय वसा की मात्रा कम हो, वनस्पति तेलों का प्रयोग करें, जिसमें लिनोलिक अम्ल अधिक मात्रा में हो, जैसे सूर्यमुखी का तेल, मूँगफली का तेल, क्योंकि लिनोलिक अम्ल रक्त का थक्का नहीं बनने देता और वसा के जमाव को रोकता है। भोजन में चोकर युक्त आटे की रोटी, प्रचुर मात्रा में हरी सब्जियों का प्रयोग करें। इनके प्रयोग से शरीर को एन्टी ऑक्सीडेंट, विटामिन्स व खनिज लवण प्राप्त होते हैं।

दिल की धड़कन तेज हो तो :
दिल की धड़कन असामान्य होना दिल की कमजोरी का प्रतीक होता है। इससे रक्त संचार भी बढ़ जाता है और घबराहट सी लगने लगती है। इसका घर पर सामान्य इलाज इस प्रकार किया जा सकता है-10 ग्राम अनार के पत्ते लेकर 10 ग्राम पानी में डालकर हल्की आँच पर उबालें। यह काढ़ा सुबह-शाम प्रतिदिन पीने से दिल मजबूत बनता है और दिल की धड़कन सामान्य होती है। गाजर के 200 ग्राम ताजे रस में 100 ग्राम पालक का रस मिलाकर सुबह-सुबह प्रतिदिन पीने से दिल की धड़कन काबू में रहती है, दिल मजबूत रहता है तथा दिल से संबंधित सभी विकार दूर होते हैं।

दिल की कमजोरी का घरेलू इलाज :
पहला प्रयोगः तुलसी के बीज का आधा या 1 ग्राम चूर्ण उतनी ही मिश्री के साथ लेने से अथवा मेथी के 20 से 50 मि.ली. काढ़े (2 से 10 ग्राम मेथी को 100 से 300 ग्राम पानी में उबालें) में शहद डालकर पीने से हृदय-रोग में लाभ होता है।

दूसरा प्रयोगः अर्जुन वृक्ष की छाल का एक चम्मच चूर्ण एक गिलास पानी मिश्रित दूध में उबालकर पीने से खूब लाभ होता है। इसके अलावा लहसुन, आँवला, शहद, अदरक, किसमिस, अंगूर, अजवायन, अनार आदि चीजें हृदय के लिए लाभदायी हैं।

तीसरा प्रयोगः नींबू के सवा तोला (करीब 15 ग्राम) रस में आवश्यकतानुसार मिश्री मिलाकर पीने से हृदय की धड़कनें सामान्य होती हैं तथा स्त्रियों की हिस्टीरिया के कारण बढ़ी हुई धड़कनें भी दो-तीन नींबू के रस को पानी में मिलाकर पीने से शांत होती हैं।

चौथा प्रयोगः गुडुच (गिलोय) का चूर्ण शहद के साथ इस्तेमाल करने से अथवा अदरक का रस व पानी समभाग मिलाकर पीने से हृदयरोग में लाभ होता है।

पाँचवाँ प्रयोगः उगते हुए सूर्य की सिंदूरी किरणों में लगभग 10 मिनट तक हृदयरोग से दूर करने की अपरिमेय शक्ति होती हैं। अतः रोगी प्रातः काल सूर्योदय का इंतजार करे और यह प्रयत्न करे कि सूर्य की सर्वप्रथम किरण उस पर पड़े।

छठा प्रयोगः मोटी गाँठवाली हल्दी कूटने के बाद कपड़छान करके 8 मासा रख लें। फिर प्रतिदिन लाल गाय के दूध में 1 चम्मच चूर्ण घोलकर पियें। हल्दी में यह खास गुण है कि यह रक्तवाहिनी नसों में जमे हुए रक्त के थक्कों को पिघला देती है और नसों को साफ कर देती है। जब रक्तवाहिनी नलिकाएँ साफ हो जाएँगी तब वह कचरा यानी विजातीय द्रव्य पेट में जमा हो जाएगा और बाद में मल के द्वारा बाहर निकल जाएगा।

सातवाँ प्रयोगः रोहिणी नामक हरड़ कूट-कपड़छान करके रख लें। अगर रोहिणी हरड़ नहीं मिले तो कोई भी हरड़ जो बहेड़े के आकार की होती है वह लें। इस हरड़ का लगभग एक चम्मच चूर्ण रात को सोते समय लाल गाय के दूध में लें। लाल गाय अगर देशी नहीं मिले तो जरसी लाल गाय के दूध के साथ मिलाकर लें। यह विजातीय द्रव्य को शरीर से मल, पेशाब और पसीने इत्यादि के रूप में बाहर निकाल देती है।

दिल के लिए घरेलू उपचार:

  1. कोलेस्ट्रॉल का स्तर ठीक रखने के लिए दस ग्राम पुदीने का काढ़ा बनाएँ और रोजाना सुबह खाली पेट गर्म-गर्म पिएँ। कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण के लिए करीब 3 ग्राम हल्दी पाउडर को गर्म दूध के साथ लेने पर फायदेमंद बताया गया है।
  2. लहसुन की दो फाँक सुबह-सुबह खाली पेट पानी के साथ लेने से कोलेस्ट्रॉल काबू में रहता है।
  3. मधुमेह को काबू में रखने के लिए पाँच से दस ग्राम जामुन के बीज का चूर्ण सुबह-सुबह लें।
  4. करेले का ज्यूस भी मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण में उपयोगी है।
  5. सेब और अनार का ज्यूस और आँवले का मुरब्बा दिल को ताकत देता है और ये हृदय को सही ढंग से काम करने में मदद देते हैं।
  6. अर्जुन के पेड़ की छाल भी धमनियों में अवरोध दूर करने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में काफी उपयोगी बताई गई हैं।

दिल के मरीजों को अक्सर कम वसा, कम कार्बोहाइड्रेट और कम प्रोटीन का आहार बताया जाता है। इस खुराक से कभी ऐसा भी होता है कि दिल को कम ऊर्जा मिलती है और इसका हृदय की कार्यप्रणाली पर बुरा असर पड़ सकता है। सेब और अनार का ज्यूस और आँवले का मुरब्बा दिल को ताकत देता है और ये हृदय को सही ढंग से काम करने में मदद देते हैं।

दिल के रोगों से बचाए सब्जियाँ:
भोजन में अनेक ऐसी वस्तुएँ हैं, जिन्हें प्रतिदिन प्रयोग करके हृदयरोग व हृदयाघात से बचा जा सकता है। ये हैं-

प्याज- इसका प्रयोग सलाद के रूप में कर सकते हैं। इसके प्रयोग से रक्त का प्रवाह ठीक रहता है। कमजोर हृदय होने पर जिनको घबराहट होती है या हृदय की धड़कन बढ़ जाती है उनके लिए प्याज बहुत ही लाभदायक है।

टमाटर- इसमें विटामिन सी, बीटाकेरोटीन, लाइकोपीन, विटामिन ए व पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है।

लौकी- इसे घिया भी कहते हैं। इसके प्रयोग से कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य अवस्था में आना शुरू हो जाता है। ताजी लौकी का रस निकालकर पोदीना पत्ती-4 व तुलसी के 2 पत्ते डालकर दिन में दो बार पीना चाहिए।

लहसुन- भोजन में इसका प्रयोग करें। खाली पेट सुबह के समय दो कलियाँ पानी के साथ भी निगलने से फायदा मिलता है। गाजर- बढ़ी हुई धड़कन को कम करने के लिए गाजर बहुत ही लाभदायक है। गाजर का रस पिएँ, सब्जी खाएँ व सलाद के रूप में प्रयोग करें।

Dr.(Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy Kankhal Hardwar [email protected]
9897902760



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