चार घंटे गुल रही बिजली तो देना होगा उपभोक्ता को मुआवजा




नवीन चौहान.
उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ताओं के हित में पुराने नियमों में बदलाव किया गया है। नए नियमों के तहत अब यदि उत्तराखंड में नए कनेक्शन में विभाग की ओर से देरी होती है, बिल में गड़बड़ी दूर न करने में देरी होती है, शहरी क्षेत्रों में चार घंटे से अधिक बिजली गुल रहती है तो यूपीसीएल की ओर से उपभोक्ताओं को मुआवजा देना होगा।

बदले गए विनियम के बारे में प्रेसवार्ता कर जानकारी दी गई। प्रदेश में उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (कार्य निष्पादन के मानक) विनियम 2022 लागू हो गया है। आयोग ने 15 साल के बाद इस विनियम में संशोधन करते हुए हाई वोल्टेज से घर के टीवी, फ्रिज जैसे उपकरण फुंकने पर मुआवजा दस गुना बढ़ा दिया है। बुधवार को नियामक आयोग कार्यालय में आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य तकनीकी एमके जैन ने बताया कि इस विनियम के मुताबिक, उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सेवाओं की समयसीमा तय की गई है। साथ ही देरी पर जुर्माने और उपभोक्ताओं को मुआवजे के प्रावधान किए गए हैं। प्रेस वार्ता में आयोग के सचिव नीरज सती, निदेशक तकनीकी पीके डिमरी आदि अधिकारी मौजूद रहे।

ये हुआ है बदलाव
— यूपीसीएल को नौ महीने के भीतर शिकायत निस्तारण प्रक्रिया तैयार करनी होगी।
— इसमें कुछ सेवाओं में देरी पर तो सीधे उपभोक्ता के खाते में मुआवजे की राशि स्वत: चली जाएगी, जबकि कुछ सेवाओं के लिए उन्हें ऑनलाइन या ऑफलाइन शिकायत करनी होगी।
— घरेलू उपकरणों के हाई वोल्टेज से फुंकने पर मुआवजे की राशि दस गुना बढ़ा दी गई है।
— नए कनेक्शन में देरी होने पर अभी तक यूपीसीएल पर जुर्माना लगता था, लेकिन अब यूपीसीएल की ओर से उपभोक्ता को निर्धारित अवधि के बाद प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।
— बिजली लाइन ट्रांसफर करने, पोल बदलने या ट्रांसफार्मर बदलने को भी पहली बार इसमें शामिल किया गया है। इसमें देरी पर भी यूपीसीएल की ओर से मुआवजा देना होगा।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *