नवीन चौहान.
कांग्रेस भले ही दावा कर रही हो कि उत्तराखंड में इस बार उनकी सरकार आएगी, लेकिन उसके इस दावे पर अभी संकट के बादल छाए हुए हैं। इस बार प्रदेश में आम आदमी पार्टी ने भी चुनाव लड़ा है। ऐसे में उसे इग्नोर नहीं किया जा सकता।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि आम आदमी पार्टी यदि चुनाव में किसी को नुकसान पहुंचाएगी तो वह केवल कांग्रेस है। आम आदमी पार्टी को जो वोट ट्रांसफर होगा उसमें बड़ा हिस्सा कांग्रेस के वोट बैंक का होगा। भाजपा को कम ही इसका नुकसान होगा। ऐसी स्थिति में भाजपा जो मुश्किल में दिख रही है वह बहुमत प्राप्त कर फिर से सत्ता में काबिज हो सकती है।
पिछले कुछ चुनावों की यदि हम बात करें तो आम आदमी पार्टी ने जहां भी चुनाव लड़ा है वहां उसने केवल कांग्रेस के वोट बैंक पर सेंध मारी की है, भाजपा के वोट प्रतिशत को वह प्रभावित नहीं कर पायी। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने अपना वोट प्रतिशत कम नहीं होने दिया, जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत तेजी से गिर गया जो सीधे आम आदमी पार्टी की ओर डायवर्ट हुआ।
इसीलिए राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि इस बार भाजपा को प्रदेश में काफी नुकसान होने की संभावना थी, लेकिन आम आदमी पार्टी ने जिस मजबूती के साथ प्रदेश में चुनाव लड़ा उससे कांग्रेस के समीकण बिगड़ते नजर आ रहे हैं। प्रदेश की ऐसी एक दर्जन से अधिक सीटें हैं जहां आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी त्रिकोणीय मुकाबले में नजर आए।
हरिद्वार जनपद की बात करें तो यहां भी जो वोट आम आदमी पार्टी ने लिया है उसमें सबसे अधिक कांग्रेस का वोट ट्रांसफर होते दिख रहा है। जानकारों का मानना है कि भाजपा से जुड़े सदस्य किसी ओर पार्टी को अपना वोट नहीं देते, इसलिए इस चुनाव में भी बड़ा उलट फेर होने की संभावना अधिक जतायी है।