इंस्पेक्टर राजेश शाह ने कोरोना को मात दी, ​फिर प्लाजमा डोनेट कर बचाई मरीज की जिंदगी




नवीन चौहान
उत्तराखंड पुलिस बेहद संवेदनशील है। पीड़ितों की मदद करना उनकी पहली प्राथमिकता रहती है। पुलिस के जवान डयूटी से हटकर भी कुछ ऐसा करते है, जो पुलिस के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ाती है। ऐसा ही कुछ उत्तराखंड पुलिस के इंस्पेक्टर राजेश शाह ने किया। हरिद्वार जनपद में तैनात राजेश शाह ने कोरोना संक्रमण को मात देने के बाद एक मरीज की जिंदगी बचाने के लिए प्लाजमा डोनेट किया। जिसके बाद से मरीज स्वस्थ हो पाया।
इंस्पेक्टर राजेश शाह पुलिस की फ्रंटलाइन सेवा के चलते कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए। उनका पूरा परिवार सं​क्रमित हो गया। डॉक्टरों की जरूरी परामर्श और सावधानी के बाद पुन: नेगेटिव और स्वस्थ होकर, अपनी पुलिस सेवा के कार्यो में जुट गए। राजेश शाह का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव था। इसी दौरान 28 सितंबर को राजेश शाह को दून अस्पताल में भर्ती एक मरीज के परिजनों ने संपर्क किया। मरीज के परिजनों ने अपना दुख व्यक्त करते हुए राजेश शाह को बताया कि उनका मरीज कोरोना से अत्यधिक पीड़ित हैं। उन्हें तत्काल उपचार के लिए कोरोना वायरस से मुक्त हुए मरीज के प्लाज्मा की आवश्यकता है। मरीज की हालत खराब होती जा रही थी। परिजनों के आंसू राजेश शाह की भावनाओं को झकझोंर रहे थे। इंस्पेक्टर राजेश शाह ने तत्काल पुलिस के उच्चाधिकारियों से संपर्क किया। अधिकारियों की अनुमति लेकर 30 सितंबर को राजेश शाह देहरादून के दून अस्पताल पहुंचे। 3 घंटे के भीतर ही मरीज को प्लाज्मा डोनेट किया। प्लाज्मा डोनेट करने के बाद राजेश शाह ने अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली। इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस की मानवीय दृष्टिकोण को उजागर किया है। इंस्पेक्टर राजेश शाह बेहद ही संवेदनशील व्यक्तित्व के इंसान है। गरीबों की सेवा करना अपना परम धर्म समझते है।



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