नवीन चौहान.
यूपी के वाराणसी से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी है। यहां दो बेटियों ने अपनी मां की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार न कर शव को घर में ही छुपाए रखा। दुर्गंध उठती तो दोनों बहने छत पर जाकर खाना खाती थी। करीब एक साल बाद जब पुलिस ने घर का दरवाजा खुलवाया तो हर कोई अंदर का नजारा देखकर सन्न रह गया। महिला का शव कंकाल में बदल चुका था। यह कंकाल रजाई में लिपटा हुआ मिला। पुलिस ने कंकाल को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
यह घटना वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के मदरवां का है। बताया महिला का निधन 8 दिसंबर 2022 को बीमारी की वजह हुआ था। करीब एक साल तक महिला के शव के साथ रहीं। मामले की सूचना पर बुधवार को लंका थाने की पुलिस मौके पहुंची और घर के तीन दरवाजों के ताले तोड़कर अंदर गई। कंकाल को बाहर कराया और दोनों बेटियों को भी घर से बाहर ले आई। साक्ष्य के तौर पर महिला के कपड़े, चप्पल, चादर, रजाई आदि कब्जे में लिए गए हैं। पुलिस के मुताबिक दोनों बेटियों की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।
रिश्तेदारों के अनुसार महिला ऊषा की दोनों बेटियों ने हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर दरवाजा खोलने से इन्कार कर दिया। दबाव बनाने पर पुलिस बुलाने की धमकी देती रहीं। पिछले एक वर्ष से यही चल रहा था। बुधवार की दोपहर जब रिश्तेदार फिर पहुंचे तो बेटियों ने फिर दरवाजा खोलने से इन्कार कर दिया। तब डायल 112 पर सूचना दी गई। डायल-112 और चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे, लेकिन वह भी दरवाजा नहीं खुलवा सके। इसके बाद लंका इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा फोर्स के साथ पहुंचे और वीडियोग्राफी कराते हुए दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हो गए। अंदर देखा तो ऊषा का कंकाल मिला। महिला की दोनों बेटियों से पूछताछ हुई तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया।
थानाध्यक्ष के मुताबिक, दोनों बेटियों ने बताया कि मां की मौत आठ दिसंबर 2022 को बीमारी के चलते हो गई थी। मां उल्टी करती थीं। पैसे और साधन के अभाव में शव का अंतिम संस्कार नहीं करा सके। बड़ी बेटी पल्लवी की उम्र 27 साल है। छोटी बेटी वैष्णवी 18 साल की है। इस घटना के सामने आने से हर कोई हैरान है।