नवीन चौहान
भारतवर्ष राम की भक्ति से सराबोर हो उठा है। शहर की हर गली—गली और गांव—गांव में जयश्री राम का नाम गुंजायमान है। बच्चा—बच्चा जयश्री राम के नाम का उच्चारण कर देशभक्ति दर्शा रहा है और ईश्वरीय शक्ति का एहसास करा रहा है।
आस्थाओं और मान्यताओं के देश भारत में पत्थरों की पूजा की जाती है। हर क्षण हर पल इंसान भगवान की आलौकिक ताकत को महसूस करता है। लेकिन गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के बाद स्वतंत्र भारत में पहली बार स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस से भी ज्यादा देशभक्ति भारत में देखने को मिल रही है। रंगों के त्यौहार होली से पहले दीपावली की रौनक समूचे भारत में दिखलाई पड़ रही है। भारत का बच्चा अपने—अपने तरीके से भगवान राम की पूजा अर्चना और आराधना कर रहा है। यूं कहे कि
अयोध्या के राजा राम नही भगवान है।
सभी भारतवासियों की गौरवमयी पहचान है।
आज भव्य राम मंदिर में विराजमान है।
सभी अंहकारियों के लिए ज्ञान है।
अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है। 22 जनवरी 2024 का दिन भारत के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज हो रहा है। अयोध्या के राम मंदिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा वैदिक रीति रिवाज के साथ की जायेगी। भारत की एकता, अखंडता को अक्षूण्य रखने वाला यह पल कभी नही भूलने वाला क्षण बनेगा। समूचे विश्व को भारतीयों की ताकत का एहसास होगा। श्रीराम के देश में भक्ति का यह भाव पहली बार देखने को मिलेगा।