नवीन चौहान
शक्ति की उपासना का मुख्य पर्व नवरात्र का उल्लास के साथ शुभारम्भ हुआ। कलश स्थापना के साथ नवरात्र पर्व का परायण आरम्भ हुआ। इस अवसर पर तीर्थनगरी के देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। नवरात्र के कारण बाजारों में भी खासी रौनक रही।
चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन प्रातः नौ बजे के बाद शुभ मुहुर्त में घट स्थापना के साथ नवरात्र महोत्सव का आरम्भ हुआ। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व के पहले दिन ब्रह्मा की शक्ति मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की गई। वहीं देवी मंदिरों में भी नवरात्र परायण आरम्भ हुआ। नवरात्र की पूर्व संध्या से ही देवी मंदिरों में विशेष सजावट की गई थी। देवी मंदिरों में प्रातः से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़े माता के दर्शनों के लिए उमड़ी। मंदिरों में माता का विशेष श्रृंगार व आरती की गई। तीर्थनगरी में सबसे अधिक भीड़ हरिद्वार की अधिष्ठात्री कही जाने वाली व 51 शक्तिपीठों में से एक माया देवी मंदिर, पौराणिक चण्डी माता मंदिर, मंशा देवी मंदिर, बाबा कामराज द्वारा स्थापित दक्षिण काली मंदिर, अंजनी देवी, मां शीतला मंदिर, सुरेश्वरी देवी, महिषासुर मर्दिनी में भारी भीड़ रही। लोगों ने घरों में भी घट स्थापना के साथ नवरात्र व्रत का आरम्भ किया। पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री ने बताया कि आज ही दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का सृजन किया था। देवी के नव रूपों का प्राद र्भाव भी आज ही के दिन से आरम्भ हुआ था। इस कारण नवरात्र की विशेष महत्ता है। कहाकि नवरात्र शक्ति की उपासना का श्रेष्ठ काल होता है। इन दिनों शक्ति उपासना से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।
नवरात्र के प्रथम दिन जहां मंदिरों में भारी भीड़ रही वहीं बाजारों में भी रौनक देखने को मिली। फलों और फूलों के दामों में भी उछाल रहा।