डीएम सी रविशंकर के निर्देशों पर प्रशासन और पुलिस ने जनता को सुरक्षित बचाने के लिए उठाए प्रभावी कदम





नवीन चौहान
जिलाधिकारी सी रविशंकर के निर्देशों पर प्रशासन और पुलिस की टीम ने बेहतर समन्वय बनाकर हरिद्वार की जनता को सुरक्षित बचाने में प्रभावी कदम उठाए। हरिद्वार का आपदा प्रबंधन विभाग,प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दी। जिलाधिकारी के आदेशों पर एसडीएम हरिद्वार गोपाल सिंह चौहान,तहसीलदार आशीष घिल्डियाल, एसडीएम लक्सर शैलेंद्र नेगी और भगवानपुर एसडीएम स्मृता परमार ने गंगा घाटों को खाली कराने के साथ ही जनता को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। वही एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय और जनपद के सभी थानों की पुलिस ने प्रशासन का सहयोग करते हुए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। आपदा की इस घड़ी में जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहा।


जोशीमठ में ग्लेशियर फटने की सूचना मिलते ही डीएम सी रविशंकर ने आपदा कंट्रोल रूम को अलर्ट कर दिया। जिसके बाद जिला प्रशासन की टीम को राहत बचाव कार्य के लिए निर्देशित किया। प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के तमाम पुख्ता प्रबंध किए गए। जिला प्रशासन की टीम ने गंगा घाटों को खाली कराया और जनता को राहत शिविरों में पहुूंचाया। आपदा की इस खबर से दहशत का माहौल बन गया था। लेकिन जिलाधिकारी सी रविशंकर ने एक बार फिर अपनी प्रशासनिक कौशल का परिचय देते हुए जनता को धैर्य बनाये रखने का संदेश प्रसारित किया और जनता को सुरक्षित बचाकर रखने की जिम्मेदारी के निर्वहन में जुटे रहे। कुछ देर बाद जोशीमठ से हालात सामान्य होने की जानकारी मिलने लगी लेकिन प्रशासनिक टीम राहत कार्यो को बखूवी अंजाम देती रही। आपदा से निबटने के लिए तमाम पुख्ता प्रबंध को अंतिम रूप दिया गया। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि साढ़े पांच तक हरिद्वार पानी पहुंचने की जानकारी थी। लेकिन देर रात्रि तक पानी हरिद्वार पहुंचेगा। जलस्तर बहुत कम है। स्थिति चिंताजनक नही है। वर्तमान पानी के जलस्तर को मानीटर किया जा रहा है। फिलहाल खतरे के निशान से पानी काफी कम है। जनता को बाढ़ चौकियों और शेल्टर होम में रखा गया है। बालावाली इंटर कॉलेज में 50 लोगों को रखा गया है। बुग्गावाला फिरोजपुर में काफी संख्या में लोगों को रखा गया है। विभिन्न जगहों पर लोगों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। ग्राम पंचायत, आंगनबाड़ी केंद्रों में व्यवस्था की गई है। रात्रि में अगर सभी को सुरक्षित स्थानों पर रोकना पड़ा तो उनके भोजन की व्यवस्था भी कराई जायेगी। अगर हालात सामान्य हो गए तो सभी को वापिस भेज दिया जायेगा।



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