नवीन चौहान.
हरिद्वार के अधिवक्ता अरुण भदोरिया ने डीजीपी अशोक कुमार की पत्नी की छवि को धूमिल करने के आरोप में यूकेडी के नेता को नोटिस भेजा है. अधिवक्ता द्वारा भेजे गए नोटिस में यूकेडी नेता को तीन दिन का समय जवाब देने के लिए दिया गया है। यदि वह तय समय में जवाब नहीं देता तो उसके खिलाफ केस दर्ज कराने की बात कही गई है। जिसका हर्जा खर्चा भी देने की बात कही गई है।
अधिवक्ता अरूण भदौरिया का कहना है कि उधमसिंह नगर के फालोवर दीपक उप्रेति को लेकर पर्वजन डिजीटल में जो खबर चलायी गई वह झूठी और एक तरफा थी। दीपक उप्रेति ने जो आरोप डीजीपी की पत्नी को लेकर लगाए थे न तो उनकी किसी स्तर पर पुष्टि की गई थी और न ही किसी अधिकारी का बयान लिया गया था।
यूकेडी के वरिष्ठ नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने उत्तराखंड मैं दीपक उप्रेती फॉलोअर के द्वारा डीजीपी की पत्नी के लिए खाना बनाने से मना करना और उधम सिंह नगर के आरआई और मुंशी के द्वारा मारपीट करने की आरोपों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करना बताया था। जिसमें पर्वतजन डिजिटल में शिव प्रसाद सेमवाल द्वारा एक वीडियो अपलोड की गई, उक्त वीडियो को देखकर हरिद्वार के एडवोकेट अरुण भदौरिया ने कानूनी नोटिस शिव प्रसाद सेमवाल को भेजा है। जिसमें उनके द्वारा यह नोटिस में लिखा गया कि जिस समय शिवप्रसाद सेमवाल द्वारा पर्वतजन डिजिटल में अपना फेसबुक लाइव चलाया उस समय ना तो दीपक उप्रेती और ना ही उधम सिंह नगर के एसएसपी मंजूनाथ और ना ही उत्तराखंड के डीजीपी की पत्नी अलकनंदा का ना तो कोई ब्यान लिया और ना ही कोई वर्जन लिया।
केवल और केवल अपने आप ही पुलिस की छवि खराब करते हुए स्वयं ही वीडियो को वायरल किया। यह भी कहा कि शिव प्रसाद सेमवाल ने उत्तराखंड राज्य के भोले भाले लोगों को गुमराह करके झूठे तथ्य बताकर बिना किसी का वर्जन लिए गुमराह किया और अपराध करने के लिए उकसाया जो उनकी फेसबुक लाइफ में कई लोगों के आए मैसेजों से स्पष्ट भी हो रहा है।
ऐसी स्थिति में शिव प्रसाद सेमवाल द्वारा एक अपराधिक कृत्य किया है जिस संबंध में अरुण भदोरिया एडवोकेट ने शिव प्रसाद सेमबाल से 3 दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा है कि क्यों ना आपके विरूद्ध 3 दिन के अंदर स्पष्टीकरण ना मिलने पर उनके विरूद्ध अपराधिक कृत्य, लोगों को भड़काना और लोगों को गुमराह करना और बिना किसी व्यक्ति के वर्जन लिए बिना ही उसके संबंध में छवि को खराब करना आदि की बाबत एक केस दर्ज करा दिया जाए। उन्होंने एक करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति के रूप में मांग भी की है और नोटिस के अनुपालन में यदि नहीं जवाब दिया गया तो हरिद्वार के सक्षम न्यायालय में और उच्च न्यायालय उत्तराखंड में वाद दायर करने के लिए भी नोटिस में बताया गया है।
फेसबुक लाइव पर भी अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने सवाल उठाए हैं। आप भी पढ़िए उन्होंने नोटिस में क्या लिखा है।