देश-धर्म की रक्षा के लिए एक हाथ में शास्त्र और दूसरे हाथ में शस्त्र जरूरी: त्रिवेंद्र




नवीन चौहान.
देहरादून। राष्ट्र और अपने कौम के लिए हर व्यक्ति को आगे रहना चाहिए जो समाज अपने देश और कौम के लिए चिंता नहीं करता उस समाज का पतन हो जाता है। शास्त्र हमारे धर्म के मार्गदर्शक हैं लेकिन धर्म और देश की रक्षा के लिए शस्त्र भी उतने ही जरूरी है जितने कि शास्त्र। इसलिए हमारे एक हाथ में शास्त्र और दूसरे हाथ में शस्त्र होना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह बात आज नकरौंदा में स्थित क्षत्रिय कल्याण समिति के नवनिर्मित सामुदायिक भवन के उद्घाटन के अवसर पर कही। उन्होंने समाज का आह्वान किया कि हमें अपने देश और कौम की रक्षा के लिए हमेशा सजग रहना होगा और अपने धर्म के कमजोर लोगों की मदद के लिए तत्पर रहना होगा।

उन्होंने कहा कि आज हम तमाम तरह के संगठन तो बना लेते हैं लेकिन छोटी-छोटी चीजों को लेकर के उसमें ऐसे मतभेद पैदा हो जाते हैं कि वे संगठन अकाल मृत्यु के कारण बन जाते हैं। इसलिए संस्थाओं और संगठनों का गठन तभी होना चाहिए जब हमारे पास कोई ठोस लक्ष्य हो और हम उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समर्पित होकर काम करने के लिए तैयार हों।

उन्होंने इस मौके पर आए उपस्थित क्षत्रिय कल्याण समिति के उन पदाधिकारियों को बधाई दी जिन्होंने सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए भूमि दान के साथ ही आर्थिक सहयोग भी किया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने लोगों का आह्वान किया क्या आज हमारे सामने नई पीढ़ी को नशे से बचाने की चुनौती है।

उन्होंने कहा कि हम सबको नौजवान पीढ़ी पर नजर रखनी होगी और नई पीढ़ी को नशा और दूसरी बुराइयों से दूर रखने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे। इस अवसर पर डोईवाला के विधायक बृज भूषण गैरोला वह पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवान सहित बड़ी संख्या में क्षत्रिय कल्याण समिति से जुड़े हुए राजपूत समाज के लोग मौजूद थे।

क्षेत्रीय विधायक बृज भूषण गैरोला ने इस दौरान लोगों को आश्वस्त किया कि सामुदायिक केंद्र को सुसज्जित करने के लिए जो भी आवश्यक वस्तुएं हैं उसके वह अपनी विधायक निधि से सहयोग करेंगे।



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