डीएम सी रविशंकर का सख्त एक्शन, महिला अधिकारी से छीना चार्ज और प्रतिकूल प्रविष्टि, शासन को रिपोर्ट, देखे वीडियो





नवीन चौहान
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जिला कार्यक्रम अधिकारी भारती तिवारी पर कठोर कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। महिला अधिकारी को तत्काल प्रभाव से पद पर रहते हुए भी चार्ज छीनकर दूसरे जनपदीय अधिकारी को सौंप दिया है। इसके अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति कर दी है। हालांकि महिला अधिकारी ने स्वयं ही विभाग को चलाने में असमर्थता जाहिर की थी। जिसके बाद जिलाधिकारी सी रविशंकर ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से ​लेते हुए महिला अधिकारी की अनियमितता, लापरवाही और अभद्रता की रिपोर्ट विभागीय सचिव हरिश्चंद्र सेमवाल को तत्काल हटाने को रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्रवाई की गई है। जिलाधिकारी सी रविशंकर के एक कड़े रूख को देखते हुए जनपद के दूसरे लापरवाह अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
शनिवार की शाम चार बजे सीसीआर में जल जीवन मिशन को लेकर विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। इस बैठक में जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी भारती तिवारी से आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूलों की जानकारी की। जिस पर महिला अधिकारी ने गलत आंकड़े पेश किए। डीएम ने जानकारी दुरस्त रखने के निर्देश देते हुए केंद्र सरकार की परियोजना की गंभीरता को बताया। लेकिन महिला अधिकारी अभद्र भाषा में जिलाधिकारी के सामने अपनी बात रखते हुए कार्य करने में असमर्थता जाहिर कर दी। जिसके बाद जिलाधिकारी ने लापरवाह​ अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की संस्तुति कर दी।

डीएम अधिकारी पर गुस्सा और महिला का सम्मान
जिलाधिकारी सी रविशंकर की सज्जनता और मानवता की झलक बैठक के दौरान भी देखने को मिली। महिला अधिकारी की अभद्रता के बाबजूद डीएम ने महिला होने के नाते पूरा सम्मान दिया। महिला अधिकारी को बैठक से बाहर नहीं किया। बैठक में उपस्थिति रहने के दौरान महिला अधिकारी जिलाधिकारी के सामने ही मोबाइल में व्यस्त रही। लेकिन अपनी लापरवाही और गलती के लिए माफी मांगना मुनासिब नहीं समझा।

यह था पूरा मामला
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी से आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या और जल संयोजन के कनेक्शन के बारे में जानकारी की तो वह सही जानकारी नहीं दे पाई। जिलाधिकारी ने उन्हें आधे घंटे के समय में आंकड़ों की सही जानकारी देने के निर्देश दिए। लेकिन महिला अधिकारी ने काम न करने में असक्षमता जता दी। यहां तक बोल गई कि वो सूची नहीं देगी। रोज सूचना कहां से लाए। महिला अधिकारी ने रविवार को काम करने से साफ इंकार ​कर दिया। साथ ही बोलीं कि उनसे सहयोग की उपेक्षा न करें। जिलाधिकारी ने उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस प्रोजेक्ट की गंभीरता बताई। लेकिन महिला अधिकारी अपनी हठधर्मिता पर अड़ी रही। जिलाधिकारी बैठक लेते रहे और महिला अधिकारी अपने फोन से मैसेज करने में व्यस्त रही। जिलाधिकारी ने इसे घोर लापरवाही माना है। बताते चले कि जल जीवन मिशन का लक्ष्य पूरा करने का दस जनवरी—2021 का समय ​है। स्कूलों और आंगनबाड़ी में शुद्ध जल की उपलब्धता शत प्रतिशत सुनिश्चित करनी है।  



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