दारोगा प्रदीप कुमार केस में सस्पेंस बरकरार, जानिए पूरी खबर




पीड़िता है तो मिलेगा इंसाफ, कोई साजिशकर्ता है तो होगा बेनकाव
नवीन चौहान, हरिद्वार। दारोगा पर दर्ज मुकदमे में कानून का माखौल उडा कर रख दिया है। पुलिस महकमे के एक दरोगा प्रदीप कुमार व दो अन्य लोग ईश्वर चंद्र व अनिल कुमार के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज किया गया। जिसके बाद जांच अधिकारी ने पीड़िता व उसके परिवार के वजूद में नहीं होने की बात पर मुकदमा खारिज कर दिया। इस मुकदमे की गंभीरता को देखते हुये एडीजी कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार पूरी तरह से नजर बनाये हुये हैं। उन्होंने कहा कि इस केस की दोबारा जांच कराई जायेगी। इस केस में पीड़िता है तो उसे इंसाफ मिलेगा यदि कोई साजिशकर्ता है तो उसे बेनकाव किया जायेगा। उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जायेगी।
हरिद्वार पुलिस के ज्वालापुर कोतवाली में एक दरोगा प्रदीप कुमार व उसके दो साथियों अनिल और ईश्वर चंद्र पर 28 दिसंबर को रेप का मुकदमा दर्ज किया गया। पीड़िता की तहरीर के मुताबिक आरोपियों ने मां और बेटी दोनों से ही रेप किया। कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने इस मुकदमे की विवेचना महिला उप निरीक्षक संदीपा भंडारी को दे दी। संदीपा भंडारी विवेचना पीड़िता का घर तलाश करने निकली। लेकिन पीड़िता का कोई घर नहीं मिल पाया और ना ही इस परिवार के होने का कुछ पता चला। जिसके बाद जांच अधिकारी संदीपा भंडारी छुट्टी चली गई। कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने इस की विवेचना महिला उप निरीक्षक मीना को स्थानांतरत कर दिया। विवेचक मीना ने पीड़िता के घर का पता लगाने का प्रयास किया। लेकिन वह भी पीड़िता और उसके परिजनों का कोई सुराग नहीं लगा पाई। जिसके बाद 6 जनवरी को केस को खारिज करते हुये दरोगा प्रदीप कुमार और अनिल व ईश्वर चंद्र को क्लीन चिट दे दी गई। ऐसे में मुकदमा दर्ज कराने के लिये तहरीर देने वाला व्यक्ति कौन है। ये सवाल पुलिस महकमे के अधिकारियों को भी परेशान कर रहा है। आखिरकार तहरीर देने के बाद पीड़ित परिवार गायब कहां हो गया। ये तमाम सस्पेंस बरकरार है। एडीजी कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि कानून से मजाक करने का किसी को अधिकार नहीं है। इस मुकदमे की दोबारा जांच कराई जायेगी। यदि पीड़ित है तो उसे इंसाफ दिलाया जायेगा। यदि इस मुकदमे को दर्ज कराने के पीछे किसी की साजिश है तो पुलिस उसका भी पता लगायेगी। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।



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