तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ में किया पूर्व सीएम रावत का विरोध




नवीन चौहान.
देवस्थानम बोर्ड को लेकर केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों में रोष बना है। सोमवार को केदारनाथ पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का तीर्थ पुरोहित समाज ने विरोध किया।

विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहितों ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को संगम स्थित पुल से आगे नहीं जाने दिया। तीर्थपुरोहित एवं हक-हकूकधारियों ने इस दौरान खूब नारेबाजी की। विरोध के चलते त्रिवेंद्र सिंह रावत जीएमवीएन गेस्ट हाउस में चले गए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत भी केदारनाथ धाम पहुंचे थे। उन्हें भी तीर्थ पुरोहितों का विरोध झेलना पड़ा, हालांकि उन्होंने धाम में दर्शन किए।

उत्तराखंड सरकार के आश्वासन के बाद भी देवस्थानम बोर्ड व एक्ट वापस नहीं होने पर तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को गंगोत्री बंद रखने का निर्णय लिया है। गंगोत्री में बाजार के अलावा धाम में भी पूजा सामग्री सहित अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं।

गंगोत्री धाम में नियमित पूजा-पाठ और दर्शन सामान्य दिनों की तरह ही हो रहे हैं। केवल भागीरथी घाट पर पूजा संपन्न कराने वाले पुरोहितों ने विरोध स्वरूप पूजा बंद की हुई है।

वहीं देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति ने सभी तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारियों से आगामी तीन नवंबर को केदारनाथ कूच का आह्वान किया है।

बतादें देवस्थानम बोर्ड की स्थापना पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चार धामों के तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधि मंडल और अन्य पक्षों से विचार विमर्श के बाद सहमति बनने के बाद लिया था।

यह फैसला चारधाम और उनसे जुड़े लोगों की भलाई के लिए लिया जाना बताया गया था। कहा गया था कि बोर्ड के गठन से किसी के हित का नुकसान नहीं होगा। सभी के हितों का ध्यान रखते हुए यह निर्णय लिया गया था।



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