हरिद्वार पुलिस की सूझबूझ और चतुराई से पकड़े गए बदमाश




नवीन चौहान.
फरीदाबाद क्राइम ब्रांच के सिपाही की हत्या कर फरार अपराधी को पकड़ने के लिए हरिद्वार पुलिस ने पूरी सूझबूझ और चतुराई दिखाई. गंगा घाट पर मौजूद लोगों ने एक संदिग्ध युवक के तेजी से भागने की जानकारी पुलिस को दी.

जानकारी मिलने के बाद सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह अपराधी का पीछा करने के लिए दौड़े. उनके साथ करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी भी दौड़े. शातिर अपराधी झाड़ियों में घुस गया. मध्य रात्रि में घना अंधेरा और लंबी लंबी झाड़ियों में पुलिसकर्मी अपराधी की खोजबीन करने लगे. जहरीले सांप और अन्य जीव-जंतुओं के खौफ से बेखौफ पुलिस अपराधी को जिंदा गिरफ्तार करने के लिए तमाम प्रयास करने लगे. लेकिन शातिर अपराधी बिल्कुल शांत अवस्था में झाड़ियों में घुसा रहा.

एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय और सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह ने सूझबूझ और चतुराई दिखाई. उन्होंने पुलिसकर्मियों को वहां से हटा दिया. अपराधी को लगा कि पुलिस वहां से चली गई. जबकि दूर किनारे खड़ी होकर पुलिस अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए पूरी फील्डिंग सजा चुकी थी. अपराधी को लगा की पुलिस यहां से चली गई है. जैसे ही अपराधी झाड़ियों से बाहर निकला पुलिस ने उसे दबोच लिया.

अपराधी के हाथ में लगी गोली के खून के निशान और लोगों की जानकारी बिल्कुल सटीक थी. पुलिस जानकारी पुख्ता करने के बाद झाड़ियों के इर्द-गिर्द मंडराती रही. फरीदाबाद क्राइम ब्रांच की फजीहत को बचाने के लिए हरिद्वार पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी. हरिद्वार पुलिस की मेहनत और काबिलियत के चलते फरीदाबाद क्राइम ब्रांच की मुश्किलें कम हो गई।

हरिद्वार पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है. लेकिन खाकी के लिए एक बहुत बड़ा सबक भी है.
फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ने अपना एक काबिल सिपाही खो दिया. फरीदाबाद क्राइम ब्रांच अगर सूझबूझ और चतुराई दिखाती और हरिद्वार पुलिस की मदद लेती तो अपराधियों को आसानी से पकड़ा भी जा सकता था. सिपाही की जिंदगी भी नहीं जाती।

हरिद्वार एसएसपी डॉ योगेंद्र सिंह रावत इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाकर रखे रहे. पुलिस के आला अधिकारियों को निर्देशित करते रहें. लेकिन सबसे बड़े दुख की बात यह है फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ने बदमाशों को पकड़ने का श्रेय लेने की होड़ में अपने सिपाही की जिंदगी को खतरे में डाल दिया.



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