नए साल—2021 के जश्न पर ये हैं पाबंदी, मुकदमा दर्ज हो गया तो बढ़ जाएगी मुश्किल




नवीन चौहान
नए साल—2021 का आगमन होने में चंद घंटे शेष हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के सैलानी उत्तराखंड में पहुंच चुके हैं या फिर आ रहे हैं। लेकिन नए साल में जश्न मनाने के समय शासन के नियमों का पालन नहीं किया तो भारी पड़ेगा। शासन ने देहरादून, मसूरी में तो जश्न पर ज्यादा लोगों के एक साथ एकत्रित होने पर पाबंदी लगाई हुई हैं। हरिद्वार में कोविड—19 की गाइड लाइन का पालन करने और ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी हुई है।
नए साल का आगमन का लोगों को बेसर्बी से इंतजार है, क्योंकि साल—2020 ने खूब जख्म दिए हैं। कोरोना के चलते जहां लॉकडाउन लगाए जाने से लोग घरों में कैद होकर रह गए और नौकरी एवं व्यापार भी छिन गया। इससे लोग मान​सिक तौर पर परेशान हो उठे। अब साल—2020 के जख्मों को भुलाने के लिए नए साल—2021 के आगमन को लेकर उत्साहित हैं तो इस पल को खूब एंजाय करना चाहते हैं। नए साल पर उत्तराखंड में हो रही बर्फबारी का आनंद भी लेना चाहते हैं, तो इसके लिए खासकर दिल्ली के लोग 30 दिसंबर की शाम से पहुंचने शुरू हो गए हैं। क्योंकि उन्हें आशंका थी कि 31 दिसंबर के दिन पाबंदी लगाई जा सकती है। हरियाणा से भी लगातार सैलानी पहुंच रहे हैं। दिल्ली में पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई हैं, लेकिन उत्तराखंड में जश्न तो मना सकते हैं, लेकिन कोविड—19 की गाइड लाइन के नियमों के तहत ही जश्न मनाया जा सकता है। देहरादून के जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने मसूरी और देहरादून के होटल, रेस्टोरेंट को चेतावनी जारी की हुई है कि नए साल के जश्न मनाते समय नियमों का उल्लंघन पाया गया तो आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। तो वहीं, हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने नए साल के जश्न मनाने को लेकर एनजीटी के नियमों के साथ कोविड—19 की गाइडलाइन को पालन कराने के निर्देश दिए है। डीएम के निर्देशानुसार हरिद्वार में में केवल ग्रीन पटाखे ही जलाए जा सकते हैं और इसका भी समय निर्धारित करते हुए मात्र 35 मिनट का समय 11.55 बजे से 12.30 बजे तक पटाखे जलाएं जा सकेंगे। यदि इसके बाद किसी ने पटाखे जलाएं तो उस पर कार्रवाई होगी।

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