विद्युत नहीं गैस आधारित शवदाह गृह के निर्माण पर हुआ विचार




नवीन चौहान.
खड़खड़ी हरिद्वार स्थित विद्युत शवदाहगृह के संचालन के संबंध में जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में एक बैठक आहूत की गई। जिसमें सेवा समिति के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता द्वारा बताया गया कि लोगों द्वारा अपने परिजनों का अंतिम संस्कार विद्युत शवदाहगृह में नही किया जाता है अधिकांशतः लावारिसलाशों हेतु ही विद्युत शवदाहगृह का प्रयोग किया जाता रहा है।

लोक निर्माण विभाग विद्युत एवं यांत्रिक, ऋषिकेश के अधिशासी अभियन्ता द्वारा अवगत कराया गया कि विद्युत शवदाहगृह के जीर्णोद्वार में 142.74 लाख रूपये व्यय होंगें यदि गैस आधारित शवदाहगृह का निर्माण किया जाता है तो उसमें 123.47 लाख रूपये व्ययानुमान है।

नगर आयुक्त द्वारा अवगत कराया गया कि विद्युत शवदाहगृह के संचालन में विद्युत बिलों का भुगतान भी बडी समस्या है। किसी भी शव के दाह संस्कार से 24 घन्टे पूर्व शवदाहगृह को चालू किया जाना आवश्यक होता है, जिसमें बहुत अधिक विद्युत खपत होती है। अध्यक्ष, सेवासमिति द्वारा अवगत कराया गया कि खडखडी स्थित शमशान घाट में डीजल व लकडी आधारित तकनीकी से भी शवों का दहन किया जाता है। अधिशासी अभियन्ता द्वारा कहा गया कि तकनीक में परिवर्तन कर डीजल के स्थान पर गैस का प्रयोग किया जा सकता है।

विचार-विमर्श के उपरान्त जिलाधिकारी ने कहा कि चूंकि विद्युत शवदाहगृह में लोगों द्वारा अपने परिजनों के शवों का अंतिम संस्कार किये जाने से परहेज किया जाता है तथा विद्युत शवदाहगृह के जीर्णोद्वार में बहुत अधिक धनराशि व्यय होगी, जबकि उससे कम लागत में गैस तकनीक आधारित शवदाहगृह का निर्माण किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त विद्युत शवदाहगृह को 24 घन्टे चालू रखने में बहुत अधिक विद्युत खपत होती है, अतः विद्युत शवदाहगृह का जीर्णोद्वार न करते हुए गैस आधारित शवदाहगृह का निर्माण किया जाना चाहिये, जिसे पहले लगे हुए डीजल आधारित शवदाहगृह को परिवर्तित किये जाने हेतु उपस्थित अभियन्ताओं को संयुक्त निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिये गये।

जिलाधिकारी ने सभी शमशान घाटों का सौन्दर्यकरण आदि कराये जाने के निर्देश भी नगर आयुक्त, नगर निगम, हरिद्वार को दिये गये। इस अवसर पर नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डा अजीत सिंह, सुभाष पंवार, लो. नि. वि. ऋषिकेश विद्युत खंड के अधिशासी अभियंता सुरेन्द्र सिंह, लो. नि. वि. हरिद्वार के सहायक अभियंता ऋषिराम वर्मा व सेवा समिति के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता उपस्थित रहे।
देहरादून 16 नवम्बर, 2022 (सू. ब्यूरो)
मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में ‘परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड’ योजना के सम्बन्ध में बैठक ली। योजना के क्रियान्वयन पर मुख्य सचिव के समक्ष नियोजन विभाग की ओर से अपर सचिव नियोजन श्री रोहित मीणा ने विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिवार पहचान पत्र योजना के क्रियान्वयन पर शीघ्र से शीघ्र कार्य शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी विभाग आपसी सहयोग से सभी प्रकार का डाटा संग्रहित कर लें। किस किस विभाग से कौन सा डाटा चाहिए अगले 2, 3 दिन में इसका फॉर्मेट तैयार कर सभी विभागों से मांग लिया जाए। परिवार पहचान पत्र के सफल क्रियान्वयन एवं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विभिन्न विभागों के डेटाबेस को जोड़ने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने विभागीय डाटा उपलब्ध कराए जाने के लिए विभागों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए ताकि योजना का क्रियान्वयन तेजी से किया जा सके।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिन विभागों को डाटा कलेक्शन करना है, आपसी सहयोग से मिलकर सभी प्रकार का डाटा कलेक्ट करें। उन्होंने डाटा कलेक्शन के लिए प्रत्येक स्तर पर टाईम लाईन निर्धारित करने के साथ ही सर्वे से पहले फॉर्मेट तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही इसके लिए पोर्टल तैयार कर डाटा ब्लॉक स्तर पर भरे जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए डेडीकेटेड सेल बनाए जाने के साथ ही पर्याप्त मैनपावर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। डाटा कलेक्शन में त्रुटियों की गुंजाइश न रहे इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाए। फील्ड लेवल पर औचक निरीक्षण किए जाएं।

अपर सचिव नियोजन श्री रोहित मीणा ने बताया कि परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड योजना उत्तराखण्ड के निवासियों को विभिन्न प्रमाण पत्रों एवं लाभार्थी परक योजनाओं में ईज ऑफ लिविंग/डूइंग में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड जारी किए जाने से जाति, आय, निवास या दिव्यांग पहचान पत्र को पृथक से आवश्यकता नहीं होगी। इसका संपूर्ण डाटा परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड में उपलब्ध रहेगा।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री एल. फैनाई, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री नितेश झा, श्री वी. वी. आर. सी. पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री रविनाथ रमन एवं डॉ. आर. राजेश कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।



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