- 19 मई वट सावित्री व्रत व शनि जयंती पर विशेष
मेरठ।
इस बार 19 मई का दिन खास है। इसी दिन वट सावित्री का व्रत है और इसी दिन शनि जयंती भी है। ज्योतिषों की मानें तो इस बार 19 मई को गजरी केसरी, शोभान और यश तीन विशेष योग बन रहे हैं। इन योगों की वजह से इस बार वट सावित्री व्रत और शनि जयंती पर व्रत और पूजन के साथ ही सामर्थ्य के अनुसार दान देने पर शीघ्र लाभ मिलेगा।
ज्योतिषाचार्य राहुल अग्रवाल के अनुसार ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि वट सावित्री व्रत व शनि जयंती के रूप में मनाया जाती है मान्यता के अनुसार इस दिन माता सावित्री अपने पति को यमराज से छीनकर वापस लायी थी। इसी दिन सूर्य पुत्र शनि देव का जन्म हुआ था। इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां अखंड सुहाग की कामना के लिए व्रत रखती है तथा विधि पूर्वक बरगद के वृक्ष का पूजन किया जाता है।
ज्योतिष की दृष्टि से भी अब की ये पर्व काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि काफी समय बाद तीन महत्वपूर्ण योगों का निर्माण हो रहा है। इस दिन शोभान योग विधामान रहेगा। इस योग से वट सावित्री व्रत व वट वृक्ष का पूजन विशेष फलदाई होता है।
इसके साथ ही मेष राशि में देव गुरु ब्रहस्पति अपने मित्र चन्द्रमा के साथ मिलकर गज केसरी योग में रहेगें। साथ ही शनि महाराज स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान रहकर यश योग भी बनाएंगे। ग्रहों का ये संयोग वट सावित्री व्रत व शनि जयंती को और भी महत्वपूर्ण बना रहा है। इस दिन किया जाने वाला व्रत पूजन व दान शीघ्र ही फल देने वाला साबित हो सकता है।
क्या करें
— इस दिन सुविधा अनुसार बरगद व पीपल के वृक्ष जरुर लगाये
— चींटियों को शक्कर में गोले का बरुदा मिलाकर खिलाएं
— पीपल व वट वृक्ष पर धागा बांध कर परिक्रमा करें
— यथा संभव जरुरत मंद व्यक्तियों को जूते छाता शरबत जल कलश व दाल चावल अन्न आदि का दान करें
क्या ना करें
— अपना व्यवहार इस दिन सबके साथ अच्छा रखें
— तामसिक भोजन ना करें
— वाद विवाद से बचें