हरिद्वार के एक नामी स्कूल का अनोखा कारनामा, वेतन मांगा तो नौकरी से निकालने की धमकी




नवीन चौहान
हरिद्वार के स्कूल ने अनोखा कारनामा कर दिखाया है। स्कूल संचालक ने वेतन मांगने पर टीचर को ही नौकरी से निकालने की धमकी दे दी। स्कूल संचालक खुद को बड़ा समाजसेवी होने का दावा करते है तथा विशुद्ध कारोबारी है। फिलहाल वेतन नहीं मिलने के बावजूद नौकरी जाने के खौफ में टीचर ने चुप्पी साध ली है। हालांकि ये तो एक टीचर है, जिसने वेतन मांगने का साहस किया। बाकी टीचर आधे महीने का वेतन लेकर समाजसेवी को मन ही मन कोसने में लगे है।
जी हां ये हकीकत कोरोना आपदा के चलते निजी स्कूल ​टीचरों की है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक स्कूल शिक्षिका ने बताया कि वह कई सालों से हरिद्वार के एक नामी स्कूल में पढ़ाने का कार्य करती है। इसी बीच कोरोना संक्रमण की आपदा आ गई। आपदा में स्कूल बंद हो गया। जिसके बाद मार्च माह का 15 दिनों का वेतन दिया गया। जब पूरे महीने का वेतन देने की बात स्कूल संचालक से कही तो उन्होंने नौकरी से निकालने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि​ जब फीस नहीं आ रही तो सेलरी कहां से दी जायेगी। टीचर ने संचालक को कहा कि मार्च की फीस तो अभिभावक पहले की जमा करा देते है। जिसके बाद संचालक महोदय का दिमाग गरम हो गया और शिक्षिका को फटकार लगाते हुए नौकरी छोड़ने की चेतावनी दे दी। जिसके बाद टीचर चुपचाप घर आ गई। हालांकि टीचर को मूक समर्थन अपने सभी साथियों का है। लेकिन नौकरी से निकाले जाने का खौफ सभी को है। ऐसे में अब अप्रैल माह के वेतन को लेकर टीचरों की उम्मीद ही टूट गई है। टीचरों का कहना है कि जब मार्च का वेतन नही मिला तो अप्रैल का कहां से मिलेगा। ऐसे में सरकार के आदेशों की धज्जियां स्कूल संचालक ने उड़ा दी। टीचर मौन है। देश के ऐसे हालत बद से बदत्तर होते दिखाई देने की संभावना प्रबल हो गई है।



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