ज्वालापुर को कुंभ से बाहर रखने के साथ मूलभूत सुविधाएं न होने पर भड़के स्थानीय लोग, ये हैं मांग




जोगेंद्र मावी
ज्वालापुर को कुंभ से बाहर रखने और अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखने पर कांग्रेस नेताओं ने स्थानीय लोगों के साथ धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने सुविधाएं शुरू न होने तक आंदोलन सुचारू रखने को चेतावनी दी।
रविवार को ज्वालापुर स्थित अंसारी मार्केट में यूथ कांग्रेस उत्तराखंड के बैनर पर ज्वालापुर को कुंभ मेला क्षेत्र से बाहर रखने व ज्वालापुर की हो रही लगातार उपेक्षा के विरोध में धरना प्रदर्शन हुआ। युवक कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वरुण बालियान ने कहा कि धर्म की यह सरकार केवल अपने फायदे के लिए है। इसे आमजन की समस्या से कोई लेना देना नहीं। ज्वालापुर को कुंभ मेला क्षेत्र से बाहर किया जाना बहुत ही निंदनीय कार्य है। आने वाले समय में सरकार को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। आमजन में भी इस फैसले का कड़ा विरोध है।
पूर्व विधायक अंबरीष कुमार ने कहा कि ज्वालापुर को कुंभ मेला क्षेत्र से हटाया जाना बहुत ही निंदनीय कार्य है। उन्होंने आगे कहा कि ज्वालापुर की पूर्ण उपेक्षा की जा रही हैं। जीवन के तौर-तरीकों के साथ आवश्यकताओं के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। कहने को ज्वालापुर हरिद्वार नगर का हिस्सा है, परंतु कुंभ हो या निगम सबसे अधिक आए देने के बावजूद विकास कार्य नहीं किए जा रहे हैं। ज्वालापुर से निकलने वाली शोभा यात्रा सांप्रदायिक राजनीति का शिकार हो रही है। भूमिगत विद्युत लाइन योजना का कार्य अब शुरू हुआ, खुदाई के बाद सड़कों के निर्माण कार्य 2 वर्ष तक भी नहीं हो पाएगा। नालों की हालत पशुपालकों के लिए गोबर निकासी की कोई व्यवस्था न होने से सीवर चौक और नालियों से बाजारों में बहता है। जनसंख्या के अनुपात में सफाई कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है। नए विकसित क्षेत्रों में नियमित सफाई की कोई व्यवस्था नहीं चारों ओर कूड़ा बिखरा पड़ा है। स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ रही है। बरसाती पानी से असुविधा कोई योजना नहीं गरीबों को घर और सब्जी फल बेचने वालों को स्थाई जगह नहीं। आय, प्राधिकरण, कर, गृहकर, तहबाजारी से सर्वाधिक परंतु बदले में क्या मिला। पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। गांधी और मालवीय के आंदोलन से शराब के ठेके खत्म हुए परंतु धर्म की सरकार ने फिर स्मैक तक का नशा शुरू करा दिया। देवपुरा तक साप्ताहिक बंदी बाजारों में नहीं, परंतु ज्वालापुर में लागू है। चिकित्सा सुविधा के नाम पर सीएचसी है, उसमें भी डॉक्टर नहीं है। विधायक निधि चार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष है, लेकिन ज्वालापुर में कोई कार्य नहीं। ज्वालापुर में पार्क व खेलने का स्थान नहीं है। नगर निगम का उप कार्यालय तक नहीं है। सुभाषनगर को हाईवे से जोड़ने वाला पुल भी नहीं बनाया जा रहा है। क्षेत्रों के विकास के बावजूद पेयजल नलकूप का प्रावधान तक नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इन सभी समस्याओं को लेकर जग जागरण अभियान चलाया जाएगा।
इन्होंने रखे विचार
वक्ताओं में मुरली मनोहर, नईम कुरैशी, मकबूल कुरेशी, इसरार अहमद, युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रवि बहादुर, धर्मपाल प्रधान, अनुसूचित विभाग के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार, पूर्व पार्षद अमन गर्ग, पूर्व सचिव महेश प्रताप राणा आदि ने विचार रखे।
यह रहे मौजूद
इस मौके पर शाहनवाज कुरैशी, नोमान अंसारी, मेहरबान खान, पार्षद तहसीन, पार्षद जफर अब्बासी, पार्षद सद्दीक, रफी खान, मोहित चौधरी, नितिन कौशिक, सचिन कुमार, शाहनवाज खान, जहरूदीन, आयुष सैनी, विजय कुमार, सुनील कुमार, शहफुल अंसारी, चिंटू, अज्जू खान, मनजीत नौटियाल आदि शामिल हुए।



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