पीएम मोदी ने लॉन्च किया ‘भीम’ ऐप




नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए डिजिधन मेला में 30 दिसंबर, शुक्रवार को डिजिधन व्यापार योजना और लकी ग्राहक योजना के पहले विजेताओं का ऐलान किया। इतना ही नहीं उन्होंने नया मोबाइल एप ‘भीम’ भी लॉन्च किया। राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टोडियम में आयोजित इस डिजिधन मेले को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, अब आपका अगूंठा बनेगा आपका बैंक और आपकी पहचान। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रहे लोग भारत की नींव मजबूत करने का काम कर रहे हैं। सरकार ऐसी टेक्नोलॉजी ला रही है, जिसके जरिए बिना इंटरनेट के भी आपका पेमेंट हो सकेगा। अंगूठा जो कभी अनपढ़ होने की निशानी था, वह डिजिटल पेमेंट की ताकत बन जाएगा।

भारत की मुद्रा व्यवस्था में, अर्थव्यवस्था में किसी एक महापुरुष का साफ नजरिया और योगदान था तो वो नाम है डॉ. भीम राव अम्बेडकर।आज एक और नया काम हुआ। एक नई एप लॉन्च की गई है। इसका नाम ‘भीम’ है। यह एप दुनिया के लिए एक अजूबा होगा।कम लोग जानते हैं कि जिस महापुरुष ने हमें संविधान दिया डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर अर्थशास्त्र में निपुणता उनकी सच्ची पहचान थी। भीमराव अंबेडकर के विचारों से ही आरबीआई की शुरुआत हुई। देश में 100 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास आधार कार्ड है। डिजिधन व्यापार योजना के तहत उन लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जो डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रहे हैं। 65 प्रतिशत नौजवान 35 साल से कम हैं, 100 करोड़ लोगों के पास मोबाइल हो, जहां अंगूठे में ही उनका भविष्य तय कर दिया गया हो, वो देश क्या कर सकता है आप अंदाजा लगा सकते हैं।भीम ऐप के बाद दुनिया के दूसरे देश गूगल गुरु के पास जाएंगे और पूछेंगे कि ये भीम है क्या? शुरुआत में तो उन्हें महाभारत वाला भीम दिखेगा और गहरा जाने पर उन्हें दिखेगा कि भारत में भारत रत्न भीमराव अंबेडकर थे।

जिनका मंत्र था बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय। ये एप गरीब से गरीब आदमी को ताकतवर बनाएगा। ये अमीरों का नहीं, ये गरीबों का खजाना है। ये देश को 2017 का नजराना है। 5 मिनट के भीतर-भीतर 5000 रुपए इन छोटे लोगों को लोन मिल जाएगा। इस काम को आगे बढ़ाने के लिए भीम जैसा प्लेटफॉर्म मिल रहा है। ये एप छोटे व्यापारियों, किसानों, गरीबों, आदिवासियों को ताकत देगा। इसलिए अंबेडकर के नाम पर एप बनाया, जिन्होंने दलितों, शोषितों और पिछड़ों के लिए अपना जीवन लगा दिया। पीएम मोदी ने एक बार फिर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि निराशावादी लोगों के लिए मेरे पास कोई औषधि नहीं है। उन्हें उनकी निराशा मुबारक हो। हां, आशावादी लोगों के लिए मेरे पास सुनहरे अवसर जरूर हैं।

कुछ लोग होते ही ऐसे हैं, जिनका जीवन निराशा के साथ शुरू होता है। उनके लिए मेरे पास कोई दवाई नहीं है। यू-ट्यूब पर तीन साल पहले की खबरों का वीडियो उठाकर देख लीजिए। यही मिलेगा कि कोयले में कितना गया, 2G में कितना गया, लेकिन आज खबरें है कि कितना आया। यही देश, यही लोग, यही कानून, यही सरकार, यही फाइलें थीं। वो भी वक्त था कि जाने की चर्चा होती थी। ये भी एक वक्त है कि आने की चर्चा होती है।

पीएम मोदी ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के एक बयान पर तंज कसते हुए कहा कि भाई, मुझे तो चुहिया ही निकालनी थी।
किसान कितनी मेहनत से अनाज उगाता है, जमा करता है, लेकिन बस दो चुहिया सबकुछ खत्म कर जाती हैं।बता दें कि नोटबंदी के बाद चिदंबरम ने कहा था कि पीएम मोदी का फैसला खोदा पहाड़, निकली चुहिया जैसा है। पीएम ने मीडिया के लोगों का भी शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि वो भी देश की जो सेवा कर रहे हैं, वो कम नहीं है।



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