कोरोना महामारी में खनन माफियाओं से वसूले 1.35 करोड, डीएम सी रविशंकर की सक्रियता से राजस्व में हुई वृद्धि




नवीन चौहान
हरिद्वार जनपद में कोरोना जैसी महामारी में अवैध खनन करने वालों माफियाओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन उनके पीछे जिला प्रशासन की टीम भी दौड़ती रही। जिलाधिकारी सी रविशंकर के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने एक अप्रैल से 30 नवंबर— 2020 कुल सात महीने में अवैध खनन करने वाले माफिया की जेब से एक करोड़ 35 लाख 44 हजार 875 रुपये की भारी भरकम रकम निकालकर राजस्व खाते में जमा कराई।
हरिद्वार जनपद में बड़े स्तर पर खनन होता है। इस खनन के खेल में अवैध तरीके से खनन न हो यह नामुमकिन है। लेकिन कोरोना जैसी महामारी में भी अवैध खनन करने वालों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। वे अपना काम करते रहे तो अवैध खनन करने वालों के पीछे जिला प्रशासन की टीम भी कार्रवाई को मैदान में उतरी रही। हालांकि जिलाधिकारी सी रविशंकर कोरोना जैसी महामारी से जनता को बचाने और उनके लिए राशन, इलाज आदि की व्यवस्था में लगे रहे, लेकिन उनकी नजर इन खनन माफियाओं पर रही। उन्होंने सभी तहसील के एसडीएम को मैदान में उतरकर निगाह रखते हुए कार्रवाई को निर्देश​ दिए। साथ ही स्वयं भी अपने स्तर से जानकारी लेते रहे। जिलाधिकारी के निर्देश पर हरिद्वार जनपद की सभी तहसीलों के एसडीएम ने कोरोना जैसी आपदा महामारी में भी अवैध खनन के खिलाफ जमकर कार्रवाई की। जिसका नतीजा यह रहा कि हरिद्वार जनपद की चारों तहसीलों में 621 वाहन अवैध खनन सामग्री में पकड़े। जिनके मालिकों पर कार्रवाई करते हुए एक करोड़ 35 लाख 44 हजार 875 रूपये का जुर्माना वसूला। जिलाधिकारी सी रविशंकर के प्रयास से अवैध खनन करने वाले माफियाओं को जमने नहीं दिया।
इनका आईएएस एवं एसडीएम का रहा सहयोग
रुड़की की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल, हरिद्वार सदर तहसील के एसडीएम गोपाल सिंह चौहान, लक्सर तहसील के एसडीएम पूरण सिंह राणा, तहसील के एसडीएम और भगवानपुर तहसील के एसडीएम संतोष कुमार पांडेय का सहयोग रहा।
हरिद्वार एसडीएम ने की सबसे ज्यादा कार्रवाई
हरिद्वार एसडीएम गोपाल सिंह चौहान ने अवैध खनन करने वालों पर सबसे ज्यादा कार्रवाई की। उन्होंने 281 वाहनों पर कार्रवाई की, जिनसे करीब 70 लाख रुपये की धनराशि वसूलकर राजस्व में जमा कराई। दूसरे नंबर पर भगवानपुर तहसील रहीं, जिनके एसडीएम संतोष पांडेय ने 121 वाहनों पर कार्रवाई करते हुए 39 लाख 47 हजार 932 रूपये की वसूली की।
लक्सर एसडीएम पूरण सिंह राणा की सक्रियता से कम हुआ अवैध खनन
लक्सर क्षेत्र में भी बड़ी मात्रा में खनन का कारोबार होता है और ग्रामीण क्षेत्र होने के साथ गंगा तट होने के चलते हुए अवैध खनन भी अधिक होता है, लेकिन एसडीएम पूरण सिंह राणा के सक्रियता के चलते हुए क्षेत्र में अवैध खनन कम हुआ। यदि गाहे बगाहे कोई अवैध खनन करके निकला तो उस पर एसडीएम की पैनी नजर रही, जिसका नतीजा यह रहा कि मात्र 104 वाहनों से 21 लाख 8 हजार 214 रुपये की वसूली हो सकी।
हरिद्वार तहसीलदार आशीष घिल्डियाल का रहा अहम योगदान
हरिद्वार तहसील अवैध क्षेत्र में अवैध खनन होने के साथ माफियाओं के सिर पर राजनेताओं का हाथ रहता है। यह कहे कि नेताओं के संरक्षण में ही बड़े स्तर पर अवैध खनन होता है तो सही होगा, लेकिन तहसीलदार आशीष घिल्डियाल अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई के लिए उतरे रहें। तहसीलदार पर अवैध खनन वाहनों को पकड़ने पर राजनीतिक दवाब भी खूब आया, लेकिन उन्होंने बिना कार्रवाई के वाहन को नहीं छोड़ा। इसी का नतीजा रहा कि अवैध खनन से वसूली करने में हरिद्वार तहसील नंबर एक पर रही।  जबकि इस अवधि में तहसीलदार आशीष घिल्डियाल ने कोरोना संक्रमण के मरीजों के मामले आने पर संबंधित क्षेत्रों के पाबंद होने पर वहां पर व्यवस्था कराने, अन्य प्रदेशों से आने वाले प्रवासियों को उन्हें भिजवाने का काम बड़ी सक्रियता के साथ किया।
एक अप्रैल से 30 नवंबर —2020 तक का डाटा
तहसील — वाहनों की संख्या — वसूली गई धनराशि
हरिद्वार — 281 ——— — 70 लाख 14 हजार 853 रुपये
रुड़की — — 115 ———— 17 लाख 73 हजार 876 रुपये
लक्सर —— 104 ——— —— 21 लाख 8 हजार 214 रुपये
भगवानपुर — 121 ———— 39 लाख 47 हजार 932 रुपये
कुल — 621 वाहन —— एक करोड़ 35 लाख 44 हजार 875 रूपये



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