कृषि विभाग ने खरीदी घटिया जिंक, डीएम हरिद्वार से मांगी गई रिपोर्ट




नवीन चौहान.
कृषि विभाग में घटिया जिंक खरीद का मामला सामने आया है। यह जिंक कृषि विभाग ने वर्ष 2019-20, 2020-21 में खरीदा और किसानों को वितरित भी कर दिया। खास बात ये रही कि किसानों को अमानक (घटिया) जिंक सल्फेट उर्वरक के नाम पर वितरित किया गया और वितरित किये गए जिंक सल्फेट के नमूने अमानक पाये जाने के बाद भी दो साल में लगभग 40 करोड़ का जिंक सल्फेट खरीदा गया।

कृषि विभाग में घटिया जिंक सल्फेट की खरीद का खुलासा सूचना अधिकार के अंतर्गत एक अपील में हुआ है। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने प्रकरण में जिलाधिकारी हरिद्वार को एक माह में जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।

इस घटिया जिंक की अस्सी फीसदी से अधिक हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिलों में खरीद की गयी। भारत सरकार के केन्द्रीय उर्वरक गुण नियंत्रण एवं प्रशिक्षण संस्थान फरीदाबाद की रिपोर्ट पर कार्यवाही करने के बजाय अधिकारियों ने इस रिपोर्ट को दबा दिया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की को सैम्पल के अमानक होने की रिपोर्ट दो साल तक दबी रही और अब पत्रावली गायब हो गयी है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय के अनुसार रिपोर्ट कार्यवाही की संस्तुति के साथ मुख्य कृषि अधिकारी को भेजी गयी थी और मुख्य कृषि अधिकारी कार्यालय इंकार कर रहा है।



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