आंदोलन करते हुए 11 साल की उम्र में हो गए थे गिरफ्तार, ऐसा है डोईवाला सीट से भाजपा प्रत्याशी बृजभूषण का व्यक्तिव




नवीन चौहान.
डोईवाला विधानसभा सीट से इस बार भाजपा ने बृजभूषण गैरोला को अपना उम्मीदवार बनाया है। मृदुभाषी बृजभूषण गैरोला की पहचान एक समाजसेवी, समाजिक कार्यकर्ता और सभी की मदद के लिए सदैव तत्पर रहने वाले व्यक्ति के रूप में की जाती है।
बृजभूषण गैरोला बचपन से ही समाज के हित में आंदोलन में शामिल होते रहे। गढ़वाल विश्वविद्यालय मार्ग के आंदोलन में भी वह गिरफ्तार हुए थे, तब उनकी उम्र केवल 11 साल थी। 80 के दशक में उत्तराखंड राज्य के आंदोलन में सक्रिय भूमिका में रहे। उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर साल 1986 में गौमुख गंगौत्री से नई दिल्ली तक पैदल यात्रा की। उत्तराखंड राज्य के लिए कई बार जेल की यात्रा करनी पड़ी, जेल में आमरण अनशन भी किया। आंदोलन के दौरान कई बार पुलिस के दमन का शिकार भी हुए। यही नहीं श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका बृजभूषण गैरोला ने निभायी।
पोस्ट ग्रेजुएट बृजभूषण गैरोला ने पत्रकारिता भी की। इन्होंने पांच पुस्तकें भी लिखी जिनमें तीन पुस्तकें प्रकाशित शासकीय दायित्व की है। स्वतंत्रता संग्राम में भी इनके परिवार की भूमिका रही। पिता स्व0 सीडी गैरोला टिहरी रियासत प्रजामंडल में राजशाही के खिलाफ रहे व वन विभाग की नौकरी से निकाले गए। माता स्व0 भुवनेश्वरी देवी 1942 में राजशाही के समय अपनी माता एकादशी देवी पैन्यूली व अपने नाबालिग भाई बहनों के साथ टिहरी नगर के अधीन अपने घर में कुछ समय के लिए नजर बंद भी रही। नाना जी इंजी0 स्व0 कृष्णानंद पैन्यूली स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे। मामा जी स्व0 परिपूर्णानंद पैन्यूली पूर्व सांसद टिहरी प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा प्रमुख पत्रक लेखक रहे।
भाजपा पार्टी में भी बृजभूषण गैरोला का सक्रिय योगदान रहा। करीब 35 साल से भाजपा से जुड़े हैं, इस दौरान विभिन्न पदों की जिम्मेदारी भी संभाली, प्रवक्ता भी रहे, प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव में सह संयोजक गढ़वाल लोकसभा के रहे। चुनाव संचालन समिति के सदस्य भी रहे।



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