मेरठ। जिम में एक्सरसाइज करते, घूमते फिरते अचानक ही मौत होने के कई मामले इन दिनों तेजी से सामने आए हैं। खड़े-खड़े व्यक्ति मौत के मुंह में समा जा रहा है। इन मामलों को देखकर विशेषज्ञ भी हैरान है। ऐसा शायद लोगों के दिल कमजोर होने के कारण हो रहा है। इस पर दबाव अधिक होते ही सांस फूलने लगती है। थोड़ा भी उत्साह व झेल नहीं पा रहा है। खड़े-खड़े हृदय गति रुक जा रही है। खासतौर से युवाओं में ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जो की एक चिंता का विषय है। हृदय को सेहतमंद रखने की महत्ता के प्रति समाज को जागरूक रखने के लिए ही हर वर्ष 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मेरठ के जिला अस्पताल में मेडिकल आफिसर डॉ दिव्यांशु सेंगर का कहना है कि हृदय संबंधी बीमारी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसे नजरअंदाज करना जान पर भारी पड़ सकता है। हृदय संबंधी परेशानियां होने पर मरीजों को शुरुआत में ही संकेत मिलने लगते हैं, जिन्हें लंबे समय तक वह नजर अंदाज करते रहते हैं। बीपी का घटना बढ़ाना, सांस फूलना, छाती में दर्द, पल्स का कम ज्यादा होना, चक्कर आने जैसी लक्षणों से लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं। हृदय कमजोर होता जाता है। पंपिंग भी कम होने लगती है। किसी तीव्र गतिविधि के दौरान हृदय पर जोर पड़ता है और एकाएक व्यक्ति की मौत हो जाती है। इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। हृदयघात अब बूढ़ों का रोग नहीं रह गया है बल्कि 20 से 40 वर्ष के लोगों में भी हृदय घाट के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं।
कमजोर दिल के क्या है लक्षण
—सांस लेने में दिक्कत होती है
—जल्दी थकान लगने लगती है
—चलने फिरने में सांस फूलता है
—सीने में हल्का दर्द महसूस होता है
—जलन लगती है
—कभी-कभी अचानक सर घूमता है
—पेट और सीने में एक साथ दर्द होता है
—तेजी से ब्लड प्रेशर बढ़ जाना या घट जाना
क्या ना करें
—धूम्रपान न करें
—शराब और अन्य नशों से दूर रहे
—घी तथा चिकने से बनी हुई चीजों को ना खाएं
—खुद से कोई दवा ना ले
कैसे रखें अपने दिल का ध्यान
कार्डियक अरेस्ट आने पर धड़कन रुक जाती है, सांस बंद हो जाती है। व्यक्ति बेहोश होने लगता है। अनियमित दिनचर्या और खान-पान का बड़ा असर दिल पर पड़ता है। इनसे बचने के लिए अपने दिल को समझना बहुत जरूरी होता है। बदली जीवन शैली कार्य की अधिकता, आगे बढ़ने की इच्छा, नेटवर्किंग आदि के चक्कर में लोगों ने अपने दिल को बहुत कमजोर कर दिया है। शारीरिक गतिविधियां न के बराबर हो गई हैं। खुली हवा में सांस लेना लोग भूल चुके हैं। इसका नतीजा है कि दिल लगातार कमजोर होता जा रहा है। लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। यदि अरेस्ट आता है तो तुरंत उसकी छाती पर दबाव डालना चाहिए। छाती एक से डेढ़ इंच तक नीचे जानी चाहिए ऐसा 100 से 150 बार करना चाहिए। सभी को बेसिक लाइफ सपोर्ट सीखने की जरूरत है। कोरोना संक्रमण के बाद हृदय घाट के मामले बहुत तेजी से बड़े हैं नसों में थक्के जम रहे हैं। दिल का आकार बढ़ गया है, जिससे पम्पिंग कमजोर हो गई है।
मोटे अनाज का सेवन करना चाहिए
पत्तेदार सब्जियां खाएं
फल अंकुर दाल और अनाज का सेवन करें
6 ग्राम से अधिक नमक प्रतिदिन ना खाएं
मेवे बीज अलसी मछली का सेवन करें
पशु जनित वसा उत्पाद जैसे रेड मीट मक्खन व रिफाइंड उत्पादन कम ही खाएं
कम से कम 30 मिनट तक रोजाना व्यायाम करें
व्यायाम के लिए कुछ देर पहले तेज गति से चलें खास तौर पर हृदय गति बढ़ाने वाले व्यायाम जैसे तेज चलना दौड़ना तैरना हुआ साइकलिंग करें
नशीली चीजों वह अल्कोहल का सेवन बिलकुल न करें तंबाकू का इस्तेमाल हृदय ध्वनियों को सकरा कर देता है इसलिए इसका उपयोग बिलकुल ही ना करें
दिन में सब्जियां को अपने आहार में शामिल करें मौसमी फल व सब्जियां अधिक से अधिक खाएं खाने के साथ सलाद खाने की आदत डालें
इन बातों का रखें ध्यान
ब्लड शुगर फास्टिंग 100 एमजी प्रीति डील से कम हो
ब्लड प्रेशर 120 से 80 एमएमएचजी से कम
टोटल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 एमजी/डील से कम
बॉडी मास इंडेक्स 18.5 से 25 तक होना चाहिए
कमर का बड़ा घेरा शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है, इसलिए वजन और मोटापे को कम करना होगा।