सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक, भ्रामक, साम्प्रदायिक, आपराधिक प्रवृत्ति को रोकना बनी चुनौती




नवीन चौहान
पुलिस महानिदेशक अनिल के रतूड़ी ने कहा कि सोशल मीडिया के बढ़ते प्रचलन को दो धारी तलवार बताते हुए इसके लाभ एवं हानियों के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य में सोशल मीडिया पर असामाजिक तत्वों के कारण देश की आंतरिक सुरक्षा एवं बाह्य सुरक्षा में भेद करना मुश्किल हो गया है। पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर होने वाले आपत्तिजनक, भ्रामक, साम्प्रदायिक, आपराधिक प्रवृत्ति के प्रचार-प्रसार पर रोक लगाने हेतु एवं के मध्य सामंजस्य बनाने पर जोर दिया गया।
पुलिस मुख्यालय की ओर से यूजिंग आॅनलाइन सोशल मीडिया फोर नेशनल सिक्यूरिटी विषय पर विषय पर एक वेबिनार आयोजित की। जिसका उद्घाटन पुलिस महानिदेशक अनिल के रतूड़ी ने किया। वेबिनार के मुख्य वक्ता दिल्ली के प्रोफेसर पी कुमार गुरू ने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए पुलिस के लिए इनके महत्व को समझाया गया। कुमारगुरू द्वारा सोशल मीडिया मॉनीटरिंग के विभिन्न टूल्स के सम्बन्ध में बताते हुए इनके प्राप्त होने वाले डाटा के विश्लेषण से पुलिस को होने वाले लाभ के सम्बन्ध में भी मार्गदर्शन दिया गया। पुलिस द्वारा अपराधों के अन्वेषण तथा कानून एवं शांति व्यवस्था के प्रकरणों से निपटने हेतु उपयोग में लाई जा रही पारंपरिक शैली के साथ-साथ सोशल मीडिया को भी अभिसूचना संकलन एवं पुलिस के अन्य कार्यों हेतु प्रयोग में लाए जाने की महत्ता बताई गई। कार्यक्रम का संचालन एपी अंशुमन, पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना एवं सुरक्षा द्वारा किया गया। उनके द्वारा सोशल मीडिया से उत्पन्न हो रही चुनौतियों से निपटने हेतु पुलिस बल को सुदृढ़ किए जाने की बात कही गई। पुलिस उपमहानिरीक्षक अभिसूचना विमला गुंज्याल, पुलिस उपमहानिरीक्षक सुरक्षा करन सिंह नगन्याल, पुलिस अधीक्षक अभिसूचना निवेदिता कुकरेती, अपर पुलिस अधीक्षक क्राईम जया बलूनी के अतिरिक्त पुलिस मुख्यालय, अभिसूचना मुख्यालय, एसटीएफ, स्पेशल ब्रांच, एलआईयू, जनपदों के सोशल मीडिया सैल तथा जनपद पुलिस के क्षेत्राधिकारियों सहित कुल 75 प्रतिभागियों द्वारा भाग लिया गया।



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