कुलपति ध्यानी की दूरदर्शिता और ​कर्तव्यनिष्ठा से एक साल में विश्वविद्यालय का हुआ कायाकल्प




नवीन चौहान
श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति डा पीताम्बर प्रसाद ध्यानी ने एक साल में विश्वविद्यालय के विकास और तरक्की के साथ शिक्षा सुधार कार्यों को बेहतर बनाया है। हालांकि मार्च महीने से कौराना संक्रमण के चलते हुए अनेकों चुनौतियां उनके सामने आई, लेकिन फिर भी कम संसाधनों के चलते हुए उन्होंने दूरदर्शिता से काम कराया। उनके एक साल के कार्यकाल से विश्वविद्यालय में बेहतर कामों के साथ कायाकल्प हुआ है। उनके निर्देशन में गढ़वाल मण्डल के सातों जनपदों में 54 राजकीय और 114 निजी महाविद्यालय श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। जहां लगभग 01 लाख छात्र अध्ययन कर रहे हैं।
प्रख्यात वैज्ञानिक डा पीताम्बर प्रसाद ध्यानी को उत्तराखण्ड राजभवन, उत्तराखण्ड शासन ने 1 दिसम्बर— 2019 को श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर नियुक्त किया था। कुलपति के पद पर कार्यभार ग्रहण करते हुए कुलपति डा ध्यानी को एक वर्ष पूरे हो गए हैं। उनके एक वर्ष पूर्ण होने पर विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने केक काट कर प्रसन्नता जाहिर की और उन्हे अग्रिम कार्यकाल की बधाई दी। डा ध्यानीे अपने पूरे मनोयोग से चुनौतियों को अवसर में बदलकर विश्वविद्यालय को उत्कृष्ठता की ओर ले जा रहे हैं। डा ध्यानी द्वारा कार्यभार ग्रहण करने के बाद विश्वविद्यालय मुख्यालय में 01 दिसम्बर, 2019 को एक प्रेस क्राफेंस आयोजित की गयी थी, जिसमें उन्होने अपनी प्राथमिकताओं को बताया था।
उनकी मुख्य प्राथमिकताओं ये विजन थे शामिल
विश्वविद्यालय केमुख्यालय में प्रशासनिक ढांचे को दूरस्त करना, विश्वविद्यालय में नकलवीहीन परीक्षाओे को सम्पन्न कराना,अल्प समय में परीक्षा परिणाम घोषित करना और मान्यता प्रणाली को पूर्ण रूपेण जवाबदेही, पारदर्शी एंव भष्ट्राचार मुक्त बनाना। इन सभी प्राथमिकताओं में डा ध्यानी पूर्ण रूपेण सफल हुये है, उनके कार्यो की सर्वत्र भूरी भूरी प्रसन्नता की जा रही है। यह भी बता दें कि डा ध्यानी, कुलपति कार्यभार ग्रहण करने के बाद लगातार विश्वविद्यालय के मुख्यालय में बैठ रहे हैं और दिन रात कार्यो का सम्पादन कर रहे हैं।
नकलविहीन परीक्षा कराने को स्वयं उतरे मैदान में
डा ध्यानी ने विश्वविद्यालय के विभिन्न परीक्षा केन्दों में आयोजित परीक्षाओं को नकलविहीन बनाने हेतु गढ़वाल जनपद के सातों जिलों में स्वयं जाकर 79 परीक्षा केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया। जिसमें कई परीक्षा केंद्रों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया। निरस्त करने के बाद ज्य के महाविद्यालयों में नकलविहीन परीक्षाओं को कराने का माहौल कायम हुआ।
68 महाविद्यालयों का निर्देशन
श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में गढ़वाल मण्डल के सातों जनपदों में 54 राजकीय और 114 निजी महाविद्यालय श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। जहां लगभग 01 लाख छात्र अध्ययन कर रहे हैं। महाविद्यालयों की सम्बद्धता हेतु निजी संस्थानों द्वारा लगातार विश्वविद्यालय के मुख्यालय में अनेकों बार चक्कर लगाने पडते थे, फलस्वरूप कई महाविद्यालय, जो मानकों को पूरा नही करते थे, वे भी सम्बद्धता प्राप्त कर लिये थे, इसी को ध्यान में रखकर मान्यता प्रणाली को पूर्ण रूपेण पारदर्शी, जवाबदेही और भष्ट्राचार मुक्त बनानेे के लिये डा ध्यानी द्वारा विश्वविद्यालय में सम्बद्धता हेतु ऑनलाईन सम्बद्धता पोर्टल तैयार किया गया। जिसमें नए शैक्षिणिक सत्र 2020-21 हेतु सम्बद्धता कालेजों ने20 जुलाई, 2020 से 31 अगस्त, 2020 तक आनलाईन आवेदनकिये। इस आनलाईन प्रक्रिया में 290 आवेदन पत्र, विश्वविद्यालय को प्राप्त हुये, जिसमें 154 सम्बद्धता प्रस्ताव ही प्रथम दृष्टिया अर्ह पाये गये जो सम्बद्धता मानकों को पूर्ण करते थे।
विश्वविद्यालय द्वारा 136 प्रस्तावों को मानक पूर्ण न होने पर तथा गलत आवेदन भरने पर विश्वविद्यालय द्वारा अस्वीकार किया गया, जिससे निजी महाविद्यालयों में हडकंप मच गया और एक सकारात्मक संदेश गया कि बिना मानकों को पूर्ण किये कोई भी महाविद्यालय अब विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त नहीं कर सकता।
जुनून के साथ करते हैं कार्य
डा ध्यानी विश्वविद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने से लेकर लगातार विश्वविद्यालय मुख्यालय में कार्यो का सम्पादन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय की सारी गतिविधियों एवं क्रियाकलापों को पारदर्शी, जबावदेही बनाना डा ध्यानी का जूनुन है, जिसे वें अपना पुनीत कर्तव्य भी समझते हैं। विश्वविद्यालय में मानव संसाधन की अत्याधिक कमी तथा मात्र 06 अधिकारीहोने के बाद भी डा ध्यानी हर चुनौती को स्वीकार कर लेते हैं।
वित्तीय शाखों में आया सुधार
आजकल डा ध्यानी विश्वविद्यालय की वित्तीय शाख बढाने में जुटे हैं। इस हेतु वे नियमित रूप से सभी अधिकारियों के साथ विश्वविद्यालय के वित्त विभाग में स्वंय बैठ रहे हैं और लम्बित बिलों, जो कि पिछले कई वर्षो से लम्बित हैं, का भुगतान करा रहे हैं। उनके नेतृत्व में लगभग 85 प्रतिशत लम्बित बिलों का भुगतान विश्वविद्यालय द्वारा ई पेमेंट के माध्यम से किया जा चुका है। इससे विश्वविद्यालय की वित्तीय शाख दु्रत गति से बढ़ रही है। जिसकी सर्वत्र प्रसन्नता हो रही है। वित्तीय प्रबन्धन के बाद अब डा ध्यानी का अग्रिम लक्ष्य विश्वविद्यालय में रिक्त पदों पर, बहुत ही पारदर्शी रूप से और बिना किसी दवाब के, केवल अर्हता एंव योग्यता के आधार पर, नियुक्तियां कराना है। ताकि विश्वविद्यालय में योग्य, प्रेरित, कुशल, सक्षम, सर्वोत्कृष्ट, ईमानदार और स्वच्छ छवि, जिसका उत्कृष्ट ट्रैक रिकार्ड हो, के व्यक्ति आकर अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे सके।

कुलपति डा पीताम्बर प्रसाद ध्यानी

39 सालों से अध्यापन कार्यों में दे रहे सेवा
डा पीपी ध्यानी का पिछले 39 वर्षो का (12 वर्ष उत्तर प्रदेश सरकार में, 25 वर्ष केन्द्र सरकार में और 02 वर्ष निजी विश्वविद्यालय में) बहुत ही अच्छा टैर्क रिकार्ड रहा है, जो कि पूर्व में विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हो चुका है। डा ध्यानी एक कुशल प्रशासन, बेहद ईमानदार, प्रख्यात वैज्ञानिक एंव शिक्षाविद् हैं। आज राज्य के विश्वविद्यालयों को ऐसे ही कुशल प्रशासक, ईमानदार और स्वच्छ छवि वाले व्यक्तियों, जिनका बेहतरीन टैर्क रिकार्ड हो, की जरूरत है।
यह है उनकी कार्यकुशलता
— डा ध्यानी राज्य के पहले ऐसे कुलपति हैं जिन्होनें परीक्षा के दौरान विभिन्न परीक्षा केन्द्रों का स्वंय औचक निरीक्षण किया और कई परीक्षा केन्द्रोंको, जो नकल को बढावा दे रहे थे, निरस्त किया।
— डा ध्यानी राज्य के पहले ऐसे कुलपति है जो स्वंय विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों मे जाकर शिक्षको से उच्च शिक्षा के उन्नयन के लिये गहन विचार विमर्श कर रहे हैं।
— डा ध्यानी राज्य के पहले ऐसे कुलपति हैं जो वित्त विभाग में स्वंय बैठकर सभी अधिकारियों से लम्बित बिलों का भुगतान करवा रहे हैं।



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