नवीन चौहान
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डा पीताम्बर प्रसाद ध्यानी ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि केंद्रीय बजट, जिसे वित्त मंत्री, भारत सरकार द्वारा कल पेश किया गया था, देश की वर्तमान परिस्थितियों और आम जनता की आकंक्षाओं के अनुरूप है और यह बजट आत्म निर्भर भारत बनने का मार्ग निश्चित रूप से प्रशस्त करेगा। एक प्रख्यात वैज्ञानिक और शिक्षविद् होने के नाते डा ध्यानी ने बताया कि केंद्रीय बजट में शिक्षा की गुणवत्ता एवं शोध हेतु शिक्षा बजट में लगभग 05 प्रतिशत की बढोतरी की गई है। शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह एक सराहनीय प्रयास है। 15 हजार आदर्श विद्यालय बनाने, 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाने, 758 एकलव्य स्कूलों की स्थापना करने, लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करने एवं उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु ’’भारतीय उच्च शिक्षा आयोग’’ की स्थापना करने आदि से भारत निश्चित रूप से’’ विश्व ज्ञान महा शक्ति’’ के रूप में उभरेगा। डा ध्यानी ने कहा कि ज्ञान सृजन और ज्ञान को संपदा में बदलने व जन जन के जीवन में खुशहाली लाने हेतु केंद्रीय बजट में 50 हजार करोड से ’’नेशनल रिसर्च फाउंडेशन’’ की स्थापना करने हेतु प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है। यह एक ऐतहासिक फैसला है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार की स्पष्ट सोच व दृढ़ इच्छा शक्ति का परिणाम बताया हैं। डा ध्यानी का स्पष्ट मानना है कि नई शिक्षा नीति के सफल क्रियांवयन से देश वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में जरूर उभरेगा। अतः इस दिशा में प्रत्येक राज्य को नई शिक्षा नीति के सफल क्रियांवयन हेतु शीघ्रताशीघ्र समुचित प्रयास शुरू कर देने चाहिए। आत्मनिर्भर भारत बनाना हम सभी का परम लक्ष्य होना चाहिए।
केंद्रीय बजटः 15 हजार आदर्श विद्यालय, 100 नए सैनिक स्कूल, 758 एकलव्य स्कूल, लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधारः डाॅ ध्यानी
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