नवीन चौहान
महात्मा हंसराज के जन्मोत्सव को समर्पण दिवस के रूप में दिव्यता और भव्यता प्रदान करने में डीएवी देहरादून की प्रधानाचार्य शालिनी समाधिया, बीएमडीएवी की प्रधानाचार्य लीना भाटिया और डीएवी सेंटेनरी स्कूल जगजीतपुर के प्रधानाचार्य मनोज कपिल के नेतृत्व में समस्त शिक्षक,शिक्षिकाओं और स्टॉफ ने सकुशल संपन्न कराया।
तीनों स्कूलों के प्रधानाचार्यो ने एक साथ मिलकर कदमताल किया और करीब डेढ़ महीने तक दिन रात मेहनत करके आयोजन को भव्यता और दिव्यता प्रदान की। आयोजन बेहद व्यवस्थित रहा और सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रही। भोजन, पानी से लेकर चिकित्सा की सुविधा प्रदान की गई।
आयोजन के सबसे प्रमुख आकर्षण का केंद्र महात्मा हंसराज के जीवन व्यक्तित्व पर करीब एक हजार से अधिक बच्चों की सामुहिक सांस्कृतिक व देशभक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुति थी। जिसको स्कूल की शिक्षिकाओं ने संयुक्त रूप से पूरे मनोभाव से मेहनत करके तैयार कराया। करीब डेढ़ माह तक नियमित रूप से बच्चों की रिहर्सल कराई गई। बच्चों की वेशभूषा और उनके खाने पीने का ध्यान रखा गया। एक—एक बच्चे की हिफाजत की गई। इसके अलावा कार्यक्रम स्थल की सजावट भी बे्हद ही आकर्षक रही।
बच्चों की प्रस्तुति ने उपस्थितजनों को भाव विभोर कर दिया और आर्य समाज के सूत्रधार व प्रेरणास्रोत्र रहे महात्मा हंसराज के व्यक्तित्व को नई युवा पीढ़ी को जानने समझने का अवसर प्रदान किया। साउंड सिस्टम से लेकर बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रभावी कदम उठाए गए।
अतिथियों के स्वागत सत्कार और उनकी व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा गया। अभिभावकों और गणमान्यों की व्यवस्था में समुचित प्रबंध किए गए। करीब 10 हजार से अधिक की भीड़ को बेहद ही सलीके से संभाला और आयोजन को सफल बनाने में महती भूमिका अदा की। आयोजनकर्ताओं की ओर से सभी की जिम्मेदारी तय की गई। जिसके फलस्वरूप सभी ने अपने दायित्वों का पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ निर्वहन किया।
कुल मिलाकर कहा जाए तो डीएवी देहरादून, जगजीतपुर और बीएमडीएवी ने एक साथ कदमताल किया तथा आयोजन को यादगार और बेमिसाल बना दिया। आयोजन की सफलता की प्रशंसा करने से डीएवी प्रबंधकृत समिति के प्रधान पूनम सूरी जी भी खुद को रोक ना पाए। उन्होंने मुक्तकंठ से सभी की तारीफ की और मेहनत और लगन से कार्य करने पर शुभकामनाएं दी।